छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस पर जनसभा को संबोधित किया। देश के रक्षा में सर्वोच्च बलिदान करने वाले शहीदों को नमन किया और समाज के लिए पुलिस की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “21 अक्टूबर का दिन भारतीय पुलिस और सुरक्षाबलों के साहस, बलिदान और देश प्रेम की एक महत्वपूर्ण तारीख है। यह दिन 1959 में उस समय की याद दिलाता है, जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तीसरी बटालियन के केवल 21 जवानों ने लद्दाख में चीन के एक बड़े दस्ते का सामना किया। उन जवानों ने अदम्य साहस और पराक्रम के साथ मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इस प्रकार, यह दिन हमारे शहीदों की याद में नमन करने का अवसर प्रदान करता है और हमें पुलिस और सुरक्षाबलों के योगदान की महत्ता को समझने का मौका देता है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह स्मृति दिवस हमारे शहीदों की अमर गाथा को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम है। पुलिस और सुरक्षाबलों की महान परंपराओं को आगे बढ़ाते रहने का संकल्प लेने का दिन है। इन जवानों का कर्तव्य निभाते समय अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिन्हें साधारण लोग भी सोच नहीं सकते। इन जवानों के परिवार भी कई प्रकार के संघर्षों का सामना करते हैं, और यह दिन उनके संघर्ष को भी श्रद्धांजलि देने का अवसर है।”
उन्होंने कहा, “पुलिस और सुरक्षाबलों की चौकसी के कारण ही देश में कानून और शांति व्यवस्था बनी रहती है, जिससे विकास के नए आयाम स्थापित होते हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। लेकिन, हमारे सुरक्षाबलों के जवान साहस और पराक्रम से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। वे नक्सलवाद को पीछे धकेलने के साथ-साथ, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का भी कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयासों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, मोबाइल टावर, स्कूल, आंगनबाड़ी और अस्पताल जैसी सुविधाओं का विकास तेजी से हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ में पुलिस और सुरक्षाबलों को संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार का समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूती से आगे बढ़ रही है। राज्य ने आने वाले दो वर्षों में नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि हमारे जवानों की मेहनत और कौशल से हम इस लक्ष्य को समय पर प्राप्त कर लेंगे। इस दिन, मैं उन सभी शहीद जवानों को पुनः नमन करता हूं जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। जय हिंद!”