अवैध कब्जे सरकारी जमीनों पर निर्माण नगर पंचायत खरोरा की सबसे बड़ी समस्या रही है।
मंगलवार को वार्ड नं 7 में एक पुराने अवैध कब्जे को भारी प्रयासों के बाद आखिर ढहा दिया गया।
दरअसल वार्ड नंबर 7 में नगर पंचायत चुनाव के पहले ही कई बार नोटिस जारी कर उक्त जगह को खाली करने का प्रयास लगातार किया गया लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते जगह खाली नहीं कराया जा सका था।
बताया जा रहा है की कथित रूप से उत्तर प्रदेश मूल के योगेश द्विवेदी नामक व्यक्ति ने कुछ सालों पहले वार्ड नं 7 में जमीन लेकर घर बनाया और उसी ने पास ही सरकारी जमीन पर गौधन पालने के लिए शेड लगाकर दो गाएं बांध दी और जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया। बात यहां तक आई की पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सोनी के द्वारा तब गौशाला के लिए प्रस्ताव भी लाया गया था जिसे तब के पार्षदों ने भारी विरोध कर निरस्त कर दिया था पर आज तक उक्त अवैध रूप से काबिज जमीन खाली नहीं कराई जा सकी थी, इस मामले में पूर्व नपं अध्यक्ष अनिल सोनी ने प्रदेशवाद को बताया की उनके कार्यकाल में ही पहली कार्रवाई उनके द्वारा ही कराया गया था और अब की सफल कार्रवाई भी उनकी सहमति का ही परिणाम है, उन्होंने बताया की किसी भी तरह से बेजा कब्जा या अतिक्रमण परिषद बर्दास्त नही करेगा साथ ही सरकारी जमीन की खरीद फरोख्त मामले में भी बड़ी कार्रवाई की तैयारी है, उन्होंने इस पर FIR के लिए लिखा है।
ऐसी चर्चा है की कब्जाधारी का बीजेपी के बड़े नेताओं से मेलजोल है और नगर के बीजेपी कार्यकर्ताओं सहित पूर्व अध्यक्ष अनिल सोनी का संरक्षण भी मिला हुआ था जिसे खारिज करते हुए पूर्व अध्यक्ष अनिल सोनी ने कहा की आरोप का कोई सर पैर नही होता अगर ऐसा होता तो अभी जो कार्रवाई हुई वह नही होता। इससे पहले की कार्यकारणी ने आरोप लगाए थे के चार बार नोटिस मिलने के बाद भी कब्जा नही हटा था तो जरूर संरक्षण रहा होगा इसलिए नगर पंचायत प्रबंधन अवैध कब्जा खाली कराने में असमर्थ रही पर नई परिषद कार्यकारणी के युवा पार्षदों ने इसे हाथों हाथ खाली करा लिया और वह भी तब जब पूर्व नपं अध्यक्ष अनिल सोनी ही अप्रत्यक्ष रुप से अध्यक्ष है अभी उनकी पत्नी सुनीता अनिल सोनी बीजेपी से खरोरा नपं की अध्यक्ष है, जिन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की मोना बबलू भाटिया को महज 10 वोट से हराया था।
कब्जा छुड़वाने हुआ विवाद!
वार्ड 5 पार्षद शेखर देवांगन ने बताया की इस मामले में कब्जाधारी व्यक्ति से विवाद भी हुआ और बड़े राजनैतिक रसूखदारों का दबाव भी रहा, उन्होंने बताया की कब्जा हटाने पहुंचे दल और राजस्व अमला से कार्रवाई के दौरान कब्जाधारी योगेश द्विवेदी द्वारा मुख्यमंत्री निवास फोन लगाकर वार्ड पार्षद जयप्रकाश वर्मा पर दबाव बनाने की कोशिश की गई, पटवारी से गालीगलौज करने की जानकारी उपस्थित पार्षदों ने दी, पार्षद शेखर देवांगन ने बताया की विवाद के चलते उन्हें महिला पुलिस भी बुलवानी पड़ी और बड़े विवादों के बाद भी पार्षदों और राजस्व अमले, पुलिस बल के संरक्षण में नपं प्रबंधन अपना काम कर पाई।
फिलहाल बुलडोजर से अवैध शेड हटाया जा चुका है, कब्जाधारी इस बात पर अड़े हुए थे की वे उस जगह पर गौसेवा कर रहे हैं उनका किसी प्रकार से उक्त जमीन पर कोई अधिकार जमाने की मंसा नही है लेकिन वार्डवासियों की लगातार शिकायत के चलते कार्रवाई की गई इससे बड़ा संदेश नगर में अन्य कब्जाधारियों को जायेगा और आगे यह कार्रवाई जारी रहने वाली है।
युवा पार्षदों की एकजुटता!
नगर परिषद में युवा पार्षदों की एकजुटता और कार्यप्रणाली की चर्चा है और नगरवासियों में उम्मीद जगी है आने वाला समय नगर के लिए कुछ अच्छा जरूर होगा!
सालों पहले हुई थी बड़ी कार्रवाई!
इससे पहले बड़ी कार्रवाई पूर्व नपं अध्यक्ष अरविंद देवांगन के कार्यकाल में सालों पहले हुई थी जिसके चलते ही नया बस स्टैंड, जीप स्टैंड और गार्डन सहित राजीव नगर फ्रंट की खाली जमीन बच पाई है और अंतः चुनाव के पहले जब वे निर्दलीय प्रत्याशी घोषित हुए तब उनके कब्जे से भी जमीन छुड़वाने की खबर चली थी।
नपं चुनाव के पहले हटाया गया था तिल्दा मार्ग से बेजा कब्जा!
इससे पहले एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नपं CMO और तहसीलदार ने वनविभाग डिपो के सामने हो रहे अवैध कब्जा और निर्माण को तोड़ा था, यहां तिल्दा रोड से लगी वन डिपो के सामने की सरकारी जमीन पर तीन परिवारों द्वारा मकान दुकान निर्माण कराया जा रहा था जिसे बुलडोजर से गिराया गया था तब नगर में चर्चा रही की उसी समय बगल में ही सरकारी जमीन पर बनी मकान आखिर किसके संरक्षण में अभी भी खड़ी है और न जाने कितने लोग जो नगर खरोरा में आसपास से आकर बसे हैं उनके द्वारा रसूखदारों के संरक्षण में बड़े बड़े मकान दुकान तान दिए गए हैं जिन्हे अब हटा पाना टेड़ी खीर है।
नपं की सरकारी जमीनों को बाकायदा स्टांप लिखा पढ़ी कर बेचने की शिकायत पर कार्रवाई कब?
खरोरा के राजीव नगर वार्ड में पिछले साल कब्जे की सरकारी जमीन को स्टांप में लिखा पढ़ी कर कई टुकड़ों में प्लाट बेचने की शिकायत हुई थी लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नही हुई है ऐसी खबर है की उक्त भूमाफिया ने सभी कर्ताधर्ताओं को मैनेज कर लिया है शायद इसलिए भी कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन अब युवा पार्षदों की टीम इस पर संज्ञान ले तो बड़ी कार्रवाई के साथ बड़ा भ्रष्टाचार का खुलासा भी होगा!
राजनीतिक संरक्षण के चलते दबंगई से कब्जा करते हैं बाहर से आए हुए लोग?
नगर पंचायत खरोरा में जमीन कब्जा करने, बेचने, अवैध निर्माण करने का खेल नया नही है, लगातार तहसील क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर कब्जे के लिए पास की निजी जमीन भूमाफिया खरीद लेते हैं और अधिकारियों से मिलीभगत कर जमीन को अपने रकबे में शामिल करा लेते हैं ऐसे कई मामले तहसील में कार्रवाई का इंतजार कर रही है!