विधायक के पुत्र के खिलाप साजा थाने में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत FIR दर्ज हो गया है. बीते 14 तारीख को ग्राम चेचानमेटा में दशहरा के दौरान सजा विधायक ईश्वर साहू के बेटे कृष्णा साहू के द्वारा आदिवासी समाज के लड़के मनीष मंडावी के ऊपर जानलेवा का हमले का आरोप लगा था.
वही विधायक पुत्र के द्वारा ग्राम चेचानमेटा में दशहरा उत्सव के दौरान अनुसूचित जनजाति के आदिवासी युवक मनीष मंडावी उम्र 18 साल पर जानलेवा हमला के साथ-साथ जाति सूचक गाली देने का मामला काफी बढ़ते गया. जिसके बाद पूरे मामले में आदिवासी समाज ने थाना साजा पहुंचकर FIR दर्ज करने की जिद पर अड़े रहे. इस मामले को लेकर कलेक्टर को भी एक पत्र आदिवासी समाज ने सौंपा. और कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी.
शिकायत पत्र में बताया गया कि 13 अक्टूबर को ग्राम चेचानमेटा में दशहरा कार्यक्रम के दौरान रात 11 बजे मनीष का दोस्त राहुल और विधायक पुत्र कृष्णा साहू के बीच विवाद हो रहा था. जब मनीष ने बीच बचाव किया तो विधायक पुत्र ने अपमानजनक जातिगत टिप्पणी और गाली-गलौज करते हुए हाथ के कड़े से मारा. मारपीट में विधायक पुत्र के साथ करीब दस लोग और थे. जिन्होंने मनीष और उसके दोस्त राहुल से मारपीट की है. इस केस में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और आगे की जांच जारी है.
इस मामले काे लेकर आदिवासी गोंड समाज के अध्यक्ष ने एसडीएम से भी शिकायत की. उन्होंने आरोप लगाया कि टीआई साजा ने आदिवासी युवक से मारपीट के मामले में विधायक ईश्वर साहू के दबाव में रिपोर्ट दर्ज नहीं करने की बात कही और समझौता करने की बात कहते हुए धमकाया.
आखिरकार आदिवासी समाज के आगे प्रशासन को झुकना पड़ा और पूरे मामले पर FIR दर्ज की गई. पूरे घटनाक्रम को देखते हुए प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था के साथ पुलिस बल थाने पर तैनात किया था. ताकि कोई बड़ा हादसा ना हो.
यह मामला ईश्वर साहू के बेटे से जुड़ा है. आपको पता ही है कि बिरनपुर हमले के बाद में एक सिंपैथी के रुप में भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया था और जीत के साथ वह विधायक भी बने अब लेकिन जिसके पिता को विधानसभा की टिकट मिला. सहानुभूति के तौर पर अब उन्हीं के छोटे बेटे के जो कारनामे है वह थामने के नाम नहीं ले रहे हैं.
ताजा मामला है 13 अक्टूबर का जहां पर बताया जा रहा है कि कृष्णा साहू यह छोटे बेटे हैं. कृष्णा साहू ने आदिवासी समाज के एक युवक पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. जिसे लेकर आदिवासी समाज ने आक्रोश जाहिर किया है और उसे लेकर अब प्रदर्शन करने मजबूर हुई.
आदिवासी समाज का आरोप है कि जब वह मामले की शिकायत लेकर साजा पुलिस थाना पहुंची तो वहां के पुलिसकर्मियों ने विधायक के बेटे के खिलाफ FIR दर्ज करने से मना कर दिया. यहां पर जो बातें सामने आ रही है वह राजनीतिक दबाव की बातें सामने आ रही हैं.
कृष्णा साहू के दबाव के चलते पुलिस यहां पर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी जिसे लेकर अब राजनीति गरमाई. कांग्रेस पार्टी एक तरफ जहां बीजेपी पर जमकर हमला कर किया. वहीं ईश्वर साहू को अभी ज्यादा दिन हुए नहीं हैं विधायक बने. अब उन पर भी आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरु हो चुकी है. लेकिन SC ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करना पड़ा.
आरोप है कि ईश्वर साहू के लोग लगातार गुंडागर्दी कर रहे हैं. उनके बेटे भी इस पर शामिल है. उसका बेटा भी आए दिन लोगों से मारपीट गाली-गलौज करता है. इस तरह की शिकायतें लिखने ताजा मामला है जिसे लेकर अब राजनीतिक गर्मी है.