ग्वालियर के थाटीपुर में एक शादी समारोह उस समय दर्दनाक मोड़ ले गया, जब डॉक्टर दूल्हे ने जयमाला के बाद अचानक 10 लाख रुपये और एक प्लॉट की मांग रख दी। यह घटना 22 नवंबर को शालीमार गार्डन में हुई, जहां नेहा सिंह और सतेंद्र वमन्या का विवाह होना था। इस मांग ने नेहा और उसके परिवार को स्तब्ध कर दिया।
खुशियों से भरपूर माहौल में छाया सन्नाटा
शादी का जश्न जो खुशी और उल्लास के साथ शुरू हुआ था, अचानक मातम में बदल गया। वरमाला के बाद जब मंडप में सात फेरे लेने का समय आया, तो सतेंद्र ने अपनी मांग रख दी। दुल्हन के पिता और परिजन ने लाख समझाने की कोशिश की, लेकिन दूल्हे और उसके परिवार ने मांग पूरी होने पर ही विवाह संपन्न करने की बात कही।
पगड़ी उतारकर फेंकी, मंडप छोड़कर भागा दूल्हा
दुल्हन के परिवार की असमर्थता जताने पर दूल्हे ने नाराज़ होकर अपनी पगड़ी उतारकर फेंक दी और बिना सात फेरे लिए ही बारात लेकर वहां से चला गया। यह दृश्य वहां मौजूद हर शख्स के दिल को झकझोर गया।
दुल्हन ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
घटना के बाद नेहा ने महिला थाना पहुंचकर सतेंद्र और उसके परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग करने की कोशिश की, लेकिन मामला नहीं सुलझा।
अंततः पुलिस ने सतेंद्र वमन्या और उसके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस द्वारा दर्ज FIR में दूल्हे डॉक्टर सतेंद्र वमन्या, उसके पिता लखन लाल, भाई जितेंद्र, पुष्पेंद्र, बहन किरण और मां फूलवती का नाम शामिल है।
दुल्हन के आंसू और टूटे सपनों की गूंज
नेहा और उसके परिवार के लिए यह घटना किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। नेहा ने कहा, ‘जिस इंसान पर मैंने विश्वास किया, उसने हमारे सपनों को चकनाचूर कर दिया।’ यह घटना समाज में दहेज प्रथा के क्रूर रूप की एक और मिसाल है, जो आज भी कई जिंदगियों को बर्बाद कर रही है।
मामले में महिला थाना प्रभारी दीप्ति सिंह ने कहा कि हमने पीड़िता की शिकायत पर सतेंद्र वमन्या और उसके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जल्द ही आरोपियों को तलब किया जाएगा।