अंतरराज्यीय सीमाओं पर सुरक्षा बलों के संयुक्त ऑपरेशन में नक्सली फंस गए हैं। अब इनके सामने दो ही रास्ते बचे हैं। वे आत्मसमर्पण करें या मुठभेड़ में गोली खाकर जान दें। छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना, आंध्र, ओडिशा और महाराष्ट्र में भी जवान अलर्ट पर है।
जब नक्सली यहां से सेफ कॉरिडोर तैयार कर सीमा के आसपास पहुंचते हैं तो उन्हें सीमावर्ती राज्यों की फोर्स घेरकर ढेर कर देती है। विगत 21 जनवरी को गरियाबंद में हुई मुठभेड़ इसका ताजा उदाहरण है। इस वर्ष के विगत 22 दिनों में ही ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र सीमा पर 48 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है।
सुरक्षा बलों ने सीमाई क्षेत्रों से नक्सलियों के वह हर ठिकाने ढूंढ निकाले हैं, जो अभी तक पहेली बने हुए थे। अक्टूबर-2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सहित आठ राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ नक्सलवाद को समाप्त करने की रणनीति बनाई थी।
2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
उन्होंने लक्ष्य निर्धारित किया था कि 31 मार्च 2026 तक देश के सभी हिस्सों से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। सीआरपीएफ और इसकी विशेष इकाई कोबरा, डीआरजी व राज्यों की पुलिस सहित 15 टास्क फोर्स केंद्रीय गृहमंत्री के भरोसे को पूरा करने में जुटी हैं।
दूसरे राज्यों में भागने में सफल नहीं हो पाते
शाह पिछले वर्ष अक्टूबर से अब तीन बार राज्य का दौरा कर नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त करने की रणनीति बना चुके हैं।