छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के क्रियान्वयन में लापरवाही को लेकर कलेक्टर बी.एस.उइके ने सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने योजना की प्रगति पर नाराजगी जताई और 11 पंचायत सचिवों को मौके पर ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। यह कार्रवाई ग्राम स्तर पर काम में ढिलाई और प्रशासनिक सुस्ती को लेकर की गई।
बैठक में सामने आईं कई खामियां
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना की पंचायतवार समीक्षा की गई, जिसमें स्वीकृत कार्य, प्रगतिरत निर्माण, किश्तों का वितरण और जिओ टैगिंग जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। कलेक्टर उइके ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन पंचायतों में कार्य शुरू नहीं हुए हैं, वहां तत्काल काम शुरू किया जाए और जो निर्माणाधीन मकान हैं, उन्हें समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए।
उन्होंने खास तौर पर जोर दिया कि योजना की जमीनी प्रगति के साथ भ्रष्टाचार की कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। किसी भी प्रकार का अवैध लेन-देन (जैसे किश्त जारी करने के बदले पैसे मांगना) पाए जाने पर संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन पंचायत सचिवों को मिला नोटिस
जिन 11 पंचायत सचिवों को नोटिस थमाया गया है, उनमें दांतबाय कला, कोसमबुड़ा, गुजरा, खरता, हाथबाय, बरबाहरा, मौहाभांठा, बेगरपाला, लोहारी, मरदाकला और खरहरी के सचिव शामिल हैं। इन पर निर्माण कार्यों में उदासीनता, स्वेच्छाचारिता और अरुचि का आरोप है। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि शासन की प्राथमिक योजना में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बाधा बना तो सीधी जवाबदेही तय की जाएगी।
जनजातीय वर्ग के लिए जनमन योजना में भी हुई समीक्षा
बैठक में प्रधानमंत्री जनमन योजना की भी समीक्षा की गई, जिसके तहत कमार जनजाति के परिवारों को आवास सुविधा प्रदान की जा रही है। जिले में 911 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 295 पूर्ण हो चुके हैं। कलेक्टर ने शेष निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि समन्वित प्रयासों से कार्य योजना बनाकर काम करें, ताकि वंचित वर्गों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके।
कलेक्टर ने दी चेतावनी
कलेक्टर उइके ने जहां धीमी प्रगति वाले क्षेत्र के कर्मचारियों को फटकार लगाई, वहीं अच्छा कार्य करने वाले अफसरों और कर्मचारियों की खुले मंच से प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि दूसरे क्षेत्र के कर्मचारी इनसे प्रेरणा लें और योजना को सफलता तक पहुंचाने में ईमानदारी से जुटें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की नियमित रूप से शासन स्तर पर समीक्षा हो रही है, और किसी भी स्तर पर कोताही सहन नहीं की जाएगी।