आइए समझें खरोरा नगर पंचायत चुनाव 2025 की अबतक की तस्वीर! कौन किस पर भारी? पूरी जानकारी…पढ़िए!

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महिलाओं की नेतृत्व को लेकर लगातार एक वैचारिक मतभेद बना हुआ है, नगर पंचायत खरोरा में अध्यक्ष पद के लिए महिला आरक्षण तय होने के बाद से ही नगर में यह चर्चा का विषय रहा कि आखिर कहीं फिर से नगर एक पंचवर्षीय पीछे तो नहीं हो जाएगा?
ऐसी चिंता क्यों, क्या नगर वासियों को किसी महिला के नेतृत्व में नगर विकास की आशा कम जान पड़ती है?

हम अपनी बेटियों को बहू को दुनिया की दौड़ में प्रथम पंक्ति खड़ा करने की सोच रखते हैं तो फिर किसी नारी के नेतृत्व पर शंका कैसे?
आजकल नगर पंचायत खरोरा के मैदान में पांच महिलाएं प्रत्याशी के रूप में लगातार नगर के जनमानस से भेंट कर रही हैं और यकीनन उनके परिचय के पीछे उनके पतियों का परिचय भी बहुत ज्यादा मायने रखता है।

जितनी भी प्रत्याशी मैदान में हैं उनकी शिक्षा, उनका राजनीतिक परिचय, कार्यशैली उनकी क्षमताओं को जनता पहले से जानती है और यही कारण है की जनता यह तय कर चुकी है कि आखिर उनका नगर पंचायत अध्यक्ष कौन होगा?
जनता के मन में यह बात शायद लॉक किया जा चुका है कि वह किसे वोट देने वाले हैं?
किस नंबर की, किसके नाम के आगे की बटन पर उनका समर्थन लंबी बीप का विजय घोष करेगा!
इसका पता 15 फरवरी को लग ही जाएगा लेकिन उससे पहले मतदान दिवस 11 फरवरी तक जो घमासान नगर पंचायत खरोरा की गलियों में घरो घर देखने को मिल रहा है वह एक अलग ही अनुभव दे रहा है!

9 फरवरी की शाम प्रचार का शोरगुल थम जाएगा, प्रत्याशियों ने जो मेहनत की है उसके परिणाम के समय का काउंटडाउन भी शुरू हो जाएगा।

इससे पहले 7 फरवरी को नगर खरोरा के मुख्य चौक पर जन चौपाल का आयोजन एक निजी न्यूज़ चैनल ने किया था जिसमें विवाद की स्थिति निर्मित हो गई।

दरअसल इस जन चौपाल में सभी पांच महिला प्रत्याशियों को विकास पर उनका विजन जानने यह आयोजन किया गया था और एक स्वस्थ चर्चा भी हो रही थी लेकिन आरोप प्रत्यारोप के चलते विवाद की स्थिति बन गई!

दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी मोना बबलू भाटिया जो पार्षद भी रही है ने बताया कि बीते 5 साल नगर में खींचतान, मनमुटाव और विवाद की स्थिति के चलते नगर विकास हुआ ही नहीं जिस पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सोनी ने माइक लेकर जवाब देना चाहा लेकिन मंच पर सिर्फ महिला प्रत्याशियों को ही बोलने का अधिकार था!
ऐसे में वे नाराज होकर उठ खड़े हुए, इस जन चौपाल में प्रत्याशियों ने अपना विजन रखा और सभी ने नगर विकास को अपना अंतिम लक्ष्य बताया, वही सबसे चर्चित प्रत्याशी निशा अरविंद देवांगन जन चौपाल में शामिल ही नहीं हुई उन्होंने प्रदेशवाद संवाददाता को बताया की पूरा नगर एक बार फिर से निशा अरविंद देवांगन को नगर विकास की कमान सौंपने तैयार है ऐसे में उन्होंने पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभाने का विश्वास जताते हुए जनता से मिलना ज्यादा जरूरी समझा और जन चौपाल में नही पहुंच पाई जिसके लिए उन्होंने अफसोस भी जताया।

निशा अरविंद देवांगन ने कहा कि वह अभी कुछ दिनों में पूरा नगर भ्रमण कर रहीं हैं और जिस तरह खरोरा नगर की जनता ने उनके कार्यकाल को याद करते हुए बीते पंचवर्षीय की दुर्दशा की बात बताई है इससे स्पष्ट है कि जनता क्या चाहती है।
उन्होंने अपने और अपने पति अरविंद देवांगन के कार्यकाल में नगर की बदली तस्वीर को याद करते हुए कहा कि जिस खरोरा नगर पंचायत की शान यहां के गार्डन, प्रतीक्षा बस स्टैंड, मंगल भवन, गौरव पथ, तालाब बंध निर्माण, सौंदर्यीकरण, स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं साफ-सुथरा नगर हुआ करता था वह बदलकर धूल धूसरित हो चुकी है और अब खरोरा की जनता सुस्त और नकारे लोगों से तंग आ चुकी है, ऐसे में वह खुद से अपनी जिम्मेदारी समझ रही है।

निशा अरविंद देवांगन ने कहा कि मैं नगर की बहू हूं नगर पंचायत का पहला कार्यकाल मेरे पति अरविंद देवांगन ने बखूबी निभाया, मैं खुद भी नगर विकास पर अपना योगदान दे चुकी हूं जिसकी यादें खरोरा नगर की जनता की आंखों में अभी भी जिंदा है, उन्हें विश्वास है कि इस बार उनका नगर सत्ता में आना खरोरा के विकास को एक नेक्स्ट लेवल पर ले जाने वाला होगा।

उन्होंने बताया की बदलाव के लिए युवा उत्सुक हैं, महिलाएं कमर कस चुकी हैं, किसान तैयार है, व्यापारी मन बन चुके हैं ऐसे में निशा अरविंद देवांगन को पूरा विश्वास है कि वह सफल होंगी।

वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, राज्य के सांसद, मंत्री, विधायक पूरी तरह से नगर खरोरा की जनता को प्रभावित करने के लिए आयोजन पर आयोजन कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं है पूर्व विधायक अनीता शर्मा ने अपने प्रत्याशी के पक्ष में घरों घर दस्तक देकर लोगों से वोट मांगा तो वही निर्दलीय प्रत्याशी हीरा अशोक अमलानी और पायल राकेश अग्रवाल ने भी अपनी बात रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है हर तरह से उन्होंने भी जनता तक अपना विजन परोसा है, ऐसे में नगर पंचायत खरोरा की चुनावी रणभूमि कसी हुई है।

इधर पुरानी बस्ती खरोरा में निशा अरविंद देवांगन के समर्थकों में एक अलग ही प्रतियोगिता दिख रही है प्रत्येक वार्ड में बनी उनकी टीम को उनके वार्डो से सबसे ज्यादा वोट लाने पर उनके एक समर्थक ने पुरस्कार की भी घोषणा कर दी गई है, ऐसे में निशा अरविंद देवांगन के कार्यकर्ता जी जान से अपने-अपने वार्डों में ज्यादा से ज्यादा वोट दिलवाने के लिए भीड़ गए हैं!

वहीं पार्षदों की बात करें तो मैदान में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ ही लगभग सभी वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी भी प्रचार का बढ़त बनाए हुए चल रहे हैं।

कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी किसी भी पार्टी प्रत्याशी से कहीं कमतर नहीं दिख रहे।
रैलियां, आयोजन, खर्च पार्टी प्रत्याशियों से बढ़कर निर्दलीय प्रत्याशी कर रहे हैं!
ऐसी आशंका भी जताई जा रही है की नगर पंचायत खरोरा के 15 वार्डो से लगभग वार्डो में निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हो सकती है!
इस स्थिति के लिए कई वार्डों में बनी एंटी इनकंबेंसी भी जिम्मेदार है बहुत से वार्डों में लंबे समय से जमे हुए पार्षदों को आराम मिल सकता है और नए चेहरों को काम!

बहुत कम दिनों में नगर पंचायत चुनाव का यह त्यौहार हम देख रहे हैं 9 फरवरी शाम तक प्रचार का दौर थम जाएगा प्रत्याशी जनसंपर्क करेंगे और वहीं 11 तारीख को मतदान की तिथि होगी इसके बाद 15 फरवरी परिणाम लेकर आएगा।

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