MP News: डिप्टी कलेक्टर पर आरोप, विवाह का वादा कर बनाए रिश्ते, रखवाता था करवा चौथ का व्रत

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भोपाल में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर पर आरोप लगे हैं कि उसने विवाह का वादा कर अपने ही विभाग की एक महिला कर्मचारी से लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाए। रिश्ते में रहने के दौरान अधिकारी उस महिला से करवा चौथ का व्रत भी रखवाता था, लेकिन बाद में अपने वादे से मुकर गया। महिला ने राजगढ़ एसपी से शिकायत की है।

एसपी ने पहले शिकायत की जानकारी से इन्कार किया, लेकिन अब इस शिकायत की जांच पचोर थाना प्रभारी को दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई होगी। महिला ने जो शिकायत सौंपी है, उसके मुताबिक, डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते से उसका परिचय वर्ष 2022 में पचोर में हुआ। वह वहां तहसीलदार था और वह अनुकंपा नियुक्ति पर वहां काम कर रही थीं।

घर में काम करने आने वाली महिला

सोरते खाना बनाने, कपड़े धुलवाने, साफ-सफाई के लिए उसे अपने घर बुलाते थे। उसके बाद वह रोज सुबह-शाम अपने क्वार्टर पर बुलाने लगे थे। महिला का आरोप है कि एक दिन छेड़छाड़ की, महिला ने विरोध किया तो उन्होंने नौकरी से निकालने की धमकी देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए।

दुष्कर्म के बाद दिलाया सरकारी कमरा

दुष्कर्म करने के बाद उन्होंने महिला को भी सरकारी क्वार्टर एलाट कर दिया। इसके बाद वे कभी महिला के घर जाते, कभी महिला को अपने घर बुलाते। बिना विवाह के उससे करवा चौथ का व्रत करवाया। इस दौरान वह उसे राजस्थान के कामखेड़ा मंदिर ले गए, जहां उससे शादी करने और उसका पूरा खर्च उठाने के वादा किया।

प्रमोशन के बाद भी नहीं की शादी

बाद में उन्होंने कहा कि प्रमोशन होने के बाद शादी कर लेंगे। प्रमोशन के 15-20 महीने बाद शादी नहीं की तो महिला ने सवाल किया, उस पर उन्होंने दस्तावेज तैयार करवाने के लिए सादा स्टांप मंगाया। उसके बाद शादी करने से मुकर गए। महिला ने एसपी कार्यालय और एसडीओपी को शिकायत सौंपी थी। अब पचोर थाना प्रभारी अखिलेश वर्मा ने कहा है कि उन्हें महिला का आवेदन जांच के लिए मिला है, जांच की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ट्रांसफर हुआ तो भी पचोर नहीं छोड़ा

महिला का आरोप है कि राजेश सोरते जनवरी 2022 से एक नवंबर 2022 तक पचोर तहसीलदार रहे। वहां से उनका ट्रांसफर जीरापुर हुआ तो पचोर का सरकारी आवास खाली करना पड़ा। इसके बाद भी सोरते ने जीरापुर शिफ्ट होने के बजाय पचोर में ही एक किराये का मकान लिया। वह करीब तीन माह तक वहीं से जीरापुर आना-जाना करते रहे।

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