मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान होने जा रहा है। महाराष्ट्र में चुनावी मुकाबला दो गठबंधन के बीच है, महायुति और एमवीए। महाराष्ट्र में अभी महायुति की एकनाथ शिंदे सरकार है। ऐसे में महायुति एक के बाद एक बड़े दांव खेल रही है ताकि सत्ता में लौट सके और एमवीए महायुति से सत्ता वापस लेने में लगी है। महाराष्ट्र में लाडकी बहिण योजना को सरकार का सबसे बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है। शिंदे सरकार ने एक के बाद एक कैबिनेट में ताबड़तोड़ फैसले किए। इन फैसलों में सभी जातियों और धर्मों को जोड़ने का प्रयास किया गया।
मुंबई में आम लोगों से जुड़ा मुद्दा टोल टैक्स का है। शिंदे सरकार ने कार, जीप, वैन समेत हर एक छोटे वाहन के लिए टोल टैक्स फ्री कर दिया है। लाडकी बहिण योजना के जरिए हर महिला को साधने का प्रयास किया गया है। वहीं जिलों के नाम हिंदू नामों पर करके हिंदुओं को साधा है।
ये योजनाएं भी चुनावी दांव
– मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव पास। पहले 6 हजार वेतन मिलता था, अब 16 हजार मिलेगा।
– पुणे एयरपोर्ट का नाम जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज पुणे इंटरनैशनल एयरपोर्ट करने के प्रस्ताव को मंजूरी।
– महाराष्ट्र सरकार ने जैन समुदाय के लिए आर्थिक कल्याण निगम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
– महाराष्ट्र के ओलंपिक और पैरालंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि में संशोधन।
– ओबीसी में शामिल बारी, तेली, हिंदू खटीक, लोनारी जैसे समुदायों के लिए वित्तीय विकास निगम स्थापित करने का ऐलान।
– बौद्ध समुदाय से संबंधित सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थानों को 10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
– गावठाणों के बाहर आवासीय भवनों, व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के भवनों आदि पर गैर-कृषि कर माफ करने का निर्णय। गावठाण का अर्थ है, गांव के मध्य का क्षेत्र। इस क्षेत्र में गांव के लोगों के घर, दुकानें, मंदिर, स्कूल आदि हैं।
– कुनबी समुदाय की तीन उपजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी।
– महायुति सरकार ने गाय को ‘राज्य माता’ घोषित किया है। गाय को राज्य माता का दर्जा देने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है।
– 104 आईटीआई का नाम बदलना, खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि में वृद्धि करना, कोंकण और पुणे संभागों को राज्य आपदा मोचन बल की एक-एक कंपनी आवंटित करना शामिल हैं।
– भूजल जलाशय मछुआरों और समुद्री मछुआरों के लिए अलग-अलग कल्याण बोर्ड स्थापित करने का फैसला।
– खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि में भी संशोधन।