भाजपा के कब्जे वाली नगर पंचायत खरोरा के अध्यक्ष अनिल सोनी ने पत्रकार वार्ता कर 14 तारीख को परिषद की बैठक में हुए प्रस्ताव को लेकर जानकारी दी, उन्होंने बताया कि जिन 22 प्रस्ताव पर चर्चा हुई उनमें से दो प्रस्ताव जिस पर विवाद हो रहा है पर चर्चा की और बताया कि किसी गौ सेवक संस्था को जमीन देने का मामला परिषद में सिरे से खारिज कर दिया गया लेकिन सोमवार बाजार स्थानांतरण सहित सारे मामले सर्वसम्मति से परिषद में पारित कर दिए गए लेकिन उसके बाद पार्षद पति बबलू भाटिया नगर पंचायत उपाध्यक्ष पन्ना देवांगन पार्षद सुरेंद्र गिलहरे, पार्षद कपिल नशीने, पार्षद पति संत नौरंगे, शमीश अग्रवाल सहित उनके साथियों ने सोमवार बाजार में एक मुनादी कराई जिसमें कहा गया कि सोमवार बाजार पूर्ववत चलानी है, किसी तरह से इसे स्थानांतरित करने संबंधी कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है।
इस पर टिप्पणी करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सोनी ने कहा कि जब यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो चुका है फिर इस मामले में इस तरह की गतिविधि नहीं होनी थी उन्होंने प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए भी लिखा है।
उक्त पत्रकार वार्ता में पार्षद रश्मि वर्मा, पार्षद कांति भूपेंद्र सेन, पार्षद तोरण ठाकुर, पार्षद पंचराम यादव सहित खरोरा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर विधायक कार्यालय प्रभारी सुमित सेन सहित कई नागरिकों और पत्रकारों की उपस्थिति थी।
पत्रकार वार्ता में अनिल सोनी ने परिषद की कार्यवाही संबंधी दस्तावेज भी पत्रकारों को सौंपा और बताया कि जब परिषद में पार्षदों ने सहमति दे दी थी तो बाहर असहमत होने का क्या कारण है वह नहीं जानते।
सोमवार बाजार स्थानांतरण को लेकर नगर पंचायत खरोरा में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष की कांग्रेस में तनातनी जारी है, इस मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सोनी ने लोगों से जन समर्थन लेने व्यापारियों से सलाह लेने की बात कही है।
सोचने वाली बात यह है कि अगर उक्त बैठक में प्रस्ताव पर सहमति बन गई थी तो आखिर विपक्ष के पार्षद गण इस पर असहमत क्यों है और अगर असहमत हैं तो उन्हें लिखित में एक पत्र प्रशासन को सौंपनी चाहिए जिससे स्थिति स्पष्ट हो जाए क्योंकि किसी भी प्रस्ताव को पारित करने के लिए एक तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
विपक्ष का कहना है की सत्ता पक्ष से पांच पार्षद प्रस्ताव का समर्थन कर रहे थे और कांग्रेस के लगभग सभी पार्षदों सहित निर्दलीय पार्षद भी उनके समर्थन में है तब यह प्रस्ताव स्वतः ही निरस्त माना जायेगा।
सोमवार बाजार स्थानांतरण का यह मामला आरोप प्रत्यारोप में उलझ चुका है, अब देखना होगा की क्या सोमवार बाजार स्थानांतरित हो पाता है या फिर यह पूर्ववत होगी।
क्योंकि आने वाले समय में निकाय चुनाव है ऐसे क्या बाजार का मुद्दा चुनावी समीकरण बनाता है और अगर बनता है तो इसका फायदा किस पार्टी को मिलेगा देखने वाली बात होगी।
पत्रकारवार्ता में नपं अध्यक्ष अनिल सोनी ने क्या कहा इस वीडियो में सुनें…