छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का एक जवान लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया। भारतीय सेना का जवान उमेश कुमार साहू की तैनाती लेह-लद्दाख के बर्फीले पहाड़ों पर थी। वह दुर्ग जिले के के कोड़िया गांव के रहने वाले थे। उमेश भारतीय सेना के 19 महार रेजिमेंट में लांस हवलदार था। ड्यूटी करने के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद डॉक्टरों ने इलाज किया लेकिन शरीर में लगातार ऑक्सीजन की कमी के कारण 19 अक्टूबर की शाम उनका निधन हो गया। जवान के शहादत की खबर करवा चौथ के दिन पत्नी को मिली जिसके बाद परिवार में मातम पसर गया।
पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
सोमवार को जवान का पार्थिव शरीर दुर्ग पहुंचा। राष्ट्रीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में जवान का अंतिम संस्कार किया गया। जवान की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। इस दौरान जवान जिंदाबाद के नारे लगते रहे।
10 साल पहले ज्वाइन किए थे आर्मी
उमेश साहू दस साल पहले भारतीय सेना में शामिल हुए थे। गांव वालों का कहना है कि उमेश का स्वभाव बहुत सरल था। जब भी वह छुट्टियां में आते थे लोगों से मुलाकात करते थे। उमेश बड़े ही मिलनसार स्वाभाव के थे। वह अपने युवाओं को सेना में भर्ती के लिए फिजिकल तैयारियों के बारे में भी जानकारी देते थे।
उमेश साहू की पत्नी करवाचौथ के व्रत का उपवास कर रही थीं। वह दिन में पूजा की तैयारी कर रहीं थी इसी दौरान दुर्ग जिला प्रशासन के अधिकारी सेना की तरफ से दिए गए मैसेज को लेकर उमेश साहू के घर पहुंचे। इस दौरान जिला प्रशासन ने परिवार को उमेश कुमार साहू के शहादत की जानकारी दी। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। उमेश साहू 30 अगस्त को ही ड्यूटी पर वापस लौटे थे। जब ड्यूटी पर लौटे तो उनकी पोस्टिंग लेह लद्दाख हो गई थी।