दिसंबर में शहनाई का माहौल, 12 दिन तक सभी सेवाएं फुल बुक

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इस साल 14 दिसंबर को विवाह का आखिरी मुहूर्त होगा। फिर पौष मास प्रारंभ होते ही विवाह वर्जित हो जाएंगे। हालांकि, देवकार्य जारी रहेंगे। मांगलिक कार्यों के लिए नए साल की प्रतीक्षा करनी होगी। विवाह के इस पखवाड़े ने शहर को पूरी तरह से व्यस्त कर दिया है।

पंडित, दर्जी, फूलवाले, कैटरर्स, बैंड, डीजे, ढोल, होटल और मंगल भवन हर कोई पूरी तरह से बुक हो चुका है। 12 दिनों तक शहर का हर कोना रौनक और चहल-पहल से सराबोर रहेगा। आंकड़ों के अनुसार, इन मुहूर्तों में 250 से अधिक जोड़े सात फेरे लेंगे।

इस उत्सव का असर ट्रैवल एजेंसियों पर भी दिखाई दे रहा है। जहां 600 से अधिक वाहनों की बुकिंग की जा चुकी है, जिनमें कार और बसें शामिल हैं। 14 दिसंबर के बाद पौष मास की शुरुआत होगी, जिसमें शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

पौष मास के समाप्त होते ही नए साल में फिर से मांगलिक कार्यों की धूम देखने को मिलेगी। मगर, फिलहाल यह समय शहरवासियों के लिए खुशी और जश्न का है।

इस सीजन में न केवल व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी आई है, बल्कि लोगों की रचनात्मकता भी उभरकर सामने आई है। विवाह समारोहों में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक अंदाज के साथ आधुनिक झलक भी देखने को मिल रही है। बैंड और डीजे की धुनों पर थिरकते लोग, खूबसूरत साज-सज्जा वाले मंडप और खास मेन्यू वाले भोज ने सभी का ध्यान खींचा है।

इन दिनों शहर का हर हिस्सा उत्सवमय है। सड़कों पर गाड़ियों की सजावट, बाजारों में रौनक और शादी समारोहों में सजी-धजी बारातें एक खास अनुभव दे रही हैं। यह समय नवविवाहित जोड़ों के लिए खास है। उनके परिवार और शहरवासियों के लिए भी यादगार बन गया है।

ज्योतिषाचार्य पंडित रामेश्वर दूबे ने बताया कि देव पंचांग अनुसार, चार दिसंबर पाणिग्रहण का समय शाम 6:30 से रात्रि 8:16 तक, छह दिसंबर को मुहूर्त प्रातः 7:14 से प्रातः 9:20 तक, दिन में 2:15 से 3:56 तक, शाम को 4:30 से 6:6 तक, रात में 2:42 से 4:55 तक रहेगा।

सात दिसंबर को पाणिग्रहण का मुहूर्त प्रातः 7:10 से 9:16 तक, दिन में 2:11 से 3:52 तक, 12 दिसंबर पानी ग्रहण का मुहूर्त प्रातः6:50 से 8:56 तक और 14 दिसंबर को मुहूर्त रात्रि 4:23 से रात 6:39 तक है। इसी तरह पुष्पांजलि पंचांग में विवाह मुहूर्त दिसंबर में दो, तीन,चार, नौ, 10, 11 एवं 14 तारीख है।

14 दिसंबर को शाम पांच बजे से पूर्णिमा है। इसमें व्रत कर सकते हैं। वहीं, 15 को दोपहर 2:30 तक पूर्णिमा रहने वाली है इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। अतः 15 तारीख को स्नान दान पूर्णिमा होगी। दोपहर 2:30 के बाद प्रतिपदा तिथि लग रही है। इसी के साथ पौष मास प्रारंभ हो जाएगा

इवेंट मैनेजर के प्रदीप राव ने बताया कि शादी के अलावा घर में छोटे फंक्शनों के लिए न टेंट मिल रहे हैं, न कैटरर मिल रहे हैं, न ही घर में खाना बनाने वाले छोटे कैटरर मिल रहे हैं। हालत यह है कि डेकोरेशन के लिए पलावर वाले भी खाली नहीं हैं।

ऑर्डर लेकर हमें बाहर से एडजस्ट करना पड़ रहा है। शादियों के चलते बाहर से आने वाले मेहमानों के लिए शहर के होटलों में कमरे भी नहीं है। टेलर भी इतने ज्यादा बिजी हैं कि समय पर कपड़े सिलकर नहीं दे पा रहे हैं।

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