30 मार्च दिन रविवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ राज्य के दौरे पर हैं इस दिन में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण भूमि पूजन के साथ ही छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे इससे पहले छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषी समाज ने नरेंद्र मोदी से बड़ी अपील करते हुए एक चिट्ठी पत्री साझा की है जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश की मातृभाषा और राजभाषा छत्तीसगढ़ी में प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत जैसा की भारत सरकार ने त्रिभाषी पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के तहत जारी किया है का पालन करने हेतु निवेदन पत्र छत्तीसगढ़ के तमाम सामाजिक संगठन राजभाषा मंच छत्तीसगढ़ी संघर्ष समिति छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के साथ ही पूरे प्रदेश भर के तमाम छत्तीसगढ़ी भाषी जनसमूह ने एक बड़ा निवेदन पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखा है जो लगातार सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
तमाम सामाजिक संगठनों ने आम नागरिकों से इस निवेदन पत्र के डिजिटल शॉर्ट्स को अपने-अपने सोशल साइट्स के माध्यम से वायरल करने की अपील की है, जिससे मातृभाषा छत्तीसगढ़ी को उसका सम्मान दिलाया जा सके छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की प्रमुख लता राठौड़ ने प्रदेशवासियों से अपील की है की ज्यादा से ज्यादा आम छत्तीसगढ़िया युवा जो सोशल साइट्स पर एक्टिव है वह छत्तीसगढ़ी भाषा के सम्मान के लिए भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक्स ट्विटर सहित तमाम सोशल मंचों पर टैग करने की अपील करते हुए छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की पुनर्स्थापना की लड़ाई में सहभागी बनकर छत्तीसगढ़िया गौरव स्थापित करने अपील की है।

30 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे इस मौके पर वे कई घोषणाएं भी करेंगे और छत्तीसगढ़ी भाषी समाज को यह उम्मीद भी है की छत्तीसगढ़ी मातृभाषा के लिए प्रधानमंत्री कोई बड़ी घोषणा जरुर करेंगे।

बताते चलें की छत्तीसगढ़ में मातृभाषा छत्तीसगढ़ी में मास्टर्स की पढ़ाई होती है लेकिन युवाओं को इस पढ़ाई के बाद नौकरी या किसी तरह की उधम की कोई व्यवस्था नहीं है।
वहीं राज्य निर्माण के 25 वर्षों में भी मातृभाषा छत्तीसगढ़ी के इस तरह से अपमान को लेकर भी आम छत्तीसगढ़ी भासी आंदोलित होने व्याकुल है, ऐसे में देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी का दौरा और छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए मांगा जा रहा है सम्मान क्या नया परिवर्तन लाता है।
क्योंकि छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा भी बीजेपी के शासनकाल में ही मिला था ऐसे में हमने बनाया है हम ही सवारेंगे तर्ज का नारा कितना सार्थक होने वाला है यह देखने वाली बात होगी।
बहरहाल पूरा प्रदेश सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ी भाषा के सम्मान के लिए उमड़ा हुआ है।

