सुकमा जिले में कांग्रेस नेताओं के घरों पर छापेमारी की गई है। कवासी लखमा के बेटे और जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के घर ईडी ने कार्रवाई की है। इसके साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू के ठिकानों पर ईडी ने कार्रवाई की है।
इन स्थानों पर छापे के दौरान बड़ी संख्या में CRPF जवान तैनात थे। हरीश कवासीऔर जगन्नाथ साहू के घरों में ईडी द्वारा की गई छापेमारी ने राजनितिक हलकों मचा दी है।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई शराब घोटाले को लेकर हो रही है। हालांकि ईडी की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
सुकमा जिले में चार जगहों पर छापेमारी
ईडी की टीम ने सुकमा जिले में चार जगहों पर छापेमारी की. इसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के आवासीय कस्बे भी शामिल हैं। इसके अलावा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और ठेकेदार आरएसएसबी के घरों पर भी कार्रवाई की जा रही है। छापेमारी के दौरान इलाके में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है. फिलहाल ईडी की जांच प्रक्रिया जारी है।
DMF घोटाले से भी जुड़ा है मामला
जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पुत्र हैं। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ईडी ने शराब घोटाले में मामला दर्ज किया था। संभावना जताई जा रही है कि इस संबंध में ही कार्रवाई की जा रही है।
छापेमरी सुकमा और रायपुर दोनों स्थानों पर चल रही है। इसे डीएमएफ फंड घोटाले से भी जोड़ा जा रहा है।
क्या है DMF घोटाला ?
प्रदेश सरकार की ओर से पेश की गई जानकारी के मुताबिक ईडी की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। केस में यह तथ्य सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है।
टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर कि राशि का 40 प्रतिशत सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है।
प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20 प्रतिशत कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि आईएएस अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है।