छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित भिलाई स्टील प्लांट को नगर निगम भिलाई ने 228 करोड़ रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स अदा करने के लिए नोटिस थमाया है। यह टैक्स एक वर्ष का बकाया बताया जा रहा है। निगम ने बीएसपी को 30 दिन के भीतर राशि जमा करने का निर्देश दिया है। नोटिस जारी होने के बाद अब तक बीएसपी की ओर से कोई भुगतान नहीं हुआ है, जिससे नगर निगम सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
IIT भिलाई से होगा ड्रोन सर्वे, संपत्तियों का होगा ब्योरा
नगर निगम ने बीएसपी की सम्पत्तियों का पुनः सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। निगम के अनुसार यह सर्वे आधुनिक तकनीक से किया जाएगा, जिसके लिए IIT भिलाई से संपर्क किया गया है। निगम आयुक्त राजीव कुमार पांडे के मुताबिक, सर्वे की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और अगर IIT भिलाई इसके लिए तैयार होता है तो किसी अन्य एजेंसी को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
कुर्की का नोटिस भी भेज चुका है निगम
बीएसपी और नगर निगम के बीच प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर विवाद नया नहीं है। 27 अप्रैल 2019 को निगम ने कुर्की की नोटिस भी बीएसपी को भेजी थी। आरोप था कि बीएसपी ने अपनी संपत्तियों की पूरी जानकारी नहीं दी और शिक्षा उपकर की राशि भी कम जमा की। तब से यह मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित है।
RTI से निकाले 6000 पेज, दोनों पक्ष में कड़ा संघर्ष
बीएसपी प्रबंधन ने इस मामले को लेकर सूचना के अधिकार (RTI) के तहत 6000 पेज दस्तावेज जुटाए हैं। दूसरी ओर नगर निगम का आरोप है कि बीएसपी ने हॉस्पिटल, स्कूल, पार्क, सुरक्षा बलों के भवन, धार्मिक और सामाजिक स्थलों को सार्वजनिक संपत्ति बताकर टैक्स से बचने की कोशिश की है। निगम का कहना है कि बीएसपी इन संपत्तियों से किराया और फीस वसूल रही है, इसलिए टैक्स देना होगा।
बैठकों के बावजूद नहीं निकला समाधान
इस टैक्स विवाद को लेकर बीएसपी और निगम प्रशासन के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन समाधान नहीं निकल पाया। अब दोनों पक्षों की नजर न्यायालय के फैसले और प्रस्तावित संपत्ति सर्वेक्षण पर टिकी है। यह मामला छत्तीसगढ़ की एक बड़ी कर वसूली लड़ाई बन चुका है, जिसका असर नगर निगम की वित्तीय स्थिति और बीएसपी के प्रशासनिक प्रबंधन पर पड़ेगा।