बिलासपुर: शराब कारोबारी भाटिया परिवार ने जिस तालाब को पाटकर कब्जा कर लिया था, उसे मूल स्वरूप में लौटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रशासन ने इसके लिए पांच से अधिक जेसीबी और दर्जनभर से ज्यादा ट्रक लगाया है। इस अवसर पर कार्रवाई स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
सूबे के बड़े शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार के सदस्यों ने अशोकनगर बिरकोना रोड में शिशु मंदिर के सामने स्थित तालाब को पटवा कर मैदान बना दिया था। यही नहीं उस पर कब्जा भी कर लिया था। जिला प्रशासन ने आज सुबह होते ही तालाब को मूल स्वरूप में लाने की कार्रवाई शुरू कर दी। सुबह से ही प्रशासनिक अधिकारी पांच से ज जेसीबी और दर्जनभर ट्रक लेकर मौके पर पहुंच गए। संभावित विरोध को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी लगाया गया था। सुबह होते ही नगर निगम की टीम ने तालाब की खुदाई शुरू की और दोपहर तक पांच जेसीबी के माध्यम से कई ट्रक मिट्टी निकालकर फेंका गया है। मैदान को तालाब बनाने में जो भी खर्च आएगा उसकी राशि शराब कारोबारी से वसूली जाएगी।
जांच में हुआ ये खुलासा
जांच प्रतिवेदन से पता चला कि चांटीडीह स्थित पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 06, 07 रकबा क्रमशः 0.424, एवं 1.193 हेक्टेयर अधिकार अभिलेख में तुकाराम पिता लक्ष्मण साव साकिन जूना बिलासपुर के नाम पर दर्ज है। संशोधन पंजी वर्ष 1962-63 के सरल क्रमांक 179 के अनुसार वाजिब उल अर्ज में उपरोक्त भूमि पैठू, ताल, पानी के नीचे दर्ज है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा 7/2,7/3,7/4 रकबा क्रमशः 0.283,0.263,0.263 हेक्टेयर भूमि पर अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह पिता हरवंश सिंह, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के नाम पर दर्ज है। जिसे उनके द्वारा मिट्टी डालकर लगभग 0.50 एकड़ रकबे को पाटा जा चुका है। जिसके लिए इनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। नोटिस के जवाब में इन्होंने तालाब को पाटने से इनकार किया।
गवाहों ने दी ये जानकारी
अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर ने मौके पर जाकर तीन गवाहों का शपथपूर्वक बयान लिया। गवाहों ने बताया कि यहां तालाब स्थित था जिसे मिट्टी डालकर मैदान बनाया गया है, एवं तार फेंसिंग कर लिया गया है। मौका जांच एवं राजस्व दस्तावेजों के अनुसार खसरा नंबर 7 के कुल 4 बटांकन हुआ है। खसरा नंबर 7/1, खसरा नंबर 6 के साथ शामिल में धर्मराज पिता रेवाराम वगैरह, खसरा नंबर 7/2 (0.283 हेक्टेयर) में अमोलक सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/3 (0.263), में गुरमित सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/4 (0.263 हेक्टेयर) में गुरु शरण सिंह भाटिया के नाम पर दर्ज है। खसरा नंबर सात में तालाब स्थित है। जिसके 0.50 डिसमिल भाग पर मिट्टी डालकर पाटा गया है। जिसे मौके पर साक्षियों के द्वारा प्रमाणित भी किया गया।
एसडीएम पीयूष तिवारी ने छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन पाने पर संहिता की धारा 253 के तहत दंडनीय होने से अमोलक सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह, गुरु शरण सिंह के ऊपर सहिंता की धारा 253 के प्रावधान अनुसार 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। सभी को आदेशित किया गया है कि खसरा नंबर 07 के तालाब के रखबा 0.50 एकड़ पर पार्टी के मिट्टी को सात दिनों के अंदर हटाकर वाजिब उल अर्ज में दर्ज प्रविष्टि के अनुसार पूर्व की स्थिति में मूल प्रयोजन में लाए। 23 अक्टूबर को आदेश जारी हुआ था और कब्जा हटाने के लिए भाटिया परिवार की 15 दिन का समय दिया गया था। लेकिन शराब कारोबारी ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण के आदेश पर आज प्रशासन और निगम की टीम मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची और खुद ही तालाब की खुदाई शुरू करवा मूल स्वरूप में लाने में जुट गई है। एसडीएम के आदेश के अनुसार खुदाई का खर्चा भी भाटिया परिवार से ही वसूला जाएगा।
राजधानी रायपुर के भांठागांव में भी इसी तरह के एक मामले में ग्रामीणों ने मोर्चा खोल रखा है, यहां चारागाह की जमीन को भू माफिया कब्जाए हुए हैं, कूट रचना की भी शिकायत है, प्रदेशभर में ऐसे अपराधों की भरमार है अब देखना होगा सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है।