गर्भवती महिलाओं के साथ अस्पताल में जो कुछ भी होता है वो चौंकाने वाला है!

Date:

गर्भवती महिलाओं के साथ अस्पताल में जो कुछ भी होता है वो चौंकाने वाला है!

‘नर्स का जहां हाथ पड़ता वो मार देती. वो लोग बाल तक खींच देती हैं. बातें तो ऐसी कहती हैं कि सुनकर बच्चा पैदा करने पर शर्म आ जाए. पहले तो मज़ा उठा लेती हो फिर चिल्लाती हो. बच्चा पैदा कर रही हो तो दर्द तो होगा ही, पहले नहीं पता था क्या.’
9 महीने के इंतजार के बाद डिलिवरी के लिए अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में जैसे ही एक गर्भवती महिला दाखिल होती है, उसे दर्द के अलावा भी बहुत कुछ सहना पड़ता है. मैं गर्भवती महिलाओं के साथ होने वाले बुरे व्यवहार के बारे में बात कर रही हूं जो अस्पताल में भर्ती होने के बाद करीब-करीब हर महिला झेलती है. महिलाएं लेबर पेन के लिए तो पहले से दिल मजबूत करके आती हैं लेकिन नर्सों और डॉक्टरों का असंवेदनशील व्यवहार महिलाओं के लिए शॉक से कम नहीं होता. उस अवस्था में भी गर्भवती महिलाओं के साथ अच्छी तरह से बात नहीं की जाती, उन्हें गालियां भी दी जाती हैं, और तो और मारा भी जाता है.
अस्पताल प्राइवेट हो या सरकारी सबका हाल एक जैसा
दो साल पहले मैं भी मां बनी. और नोएडा के जाने माने अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में दाखिल हुई. लेकिन दाखिल होने के बाद ही बड़े अस्पताल के पीछे की बदसूरती सामने आ गई. ऐसी अवस्था में जब एक महिला डॉक्टर के पास जाती है तो उम्मीद करती है कि डॉक्टर और नर्सें उसके दर्द को समझेंगी, और मरीज के साथ प्यार और सांत्वना के साथ पेश आएंगी. लेकिन उन्हें मिलती हैं झिड़कियां, गालियां और भद्दे कमेंट्स
मुझे दर्द का इंजक्शन दिया गया था. काफी देर मैं बिना उफ्फ किए हुए दर्द झेल रही थी, लेकिन जैस-जैसे दर्द बढ़ता गया, मैं अपना कराहना और रोक न सकी. दर्द के साथ मेरी चीख निकल रही थी, लेकिन वहां मौजूद नर्स मेरी चीखों का मजाक उड़ा रही थीं. वो दक्षिण भारतीय थीं लेकिन उनकी बात मैं समझ पा रही थी. वो बार-बार ‘ड्रामा’ शब्द का इस्तेमाल कर रही थीं. उनके हिसाब से मैं ड्रामा कर रही थी. मैंने कहा कि डॉक्टर को बुला दीजिए दर्द ज्यादा हो रहा है, तो उन्होंने बहुत उखड़कर कहा कि ‘तेरे ही अनोखा दर्द हो रहा है’, ‘चुप कर’, ‘इतनी जोर-जोर के क्यों चीख रही है’. ये नर्स उम्रदराज होतीं तो भी मैं उनकी डांट को समझती, लेकिन ये नर्स अविवाहित थी. डिलिवरी के बाद मुझे एक कमरे में अकेला छोड़ दिया गया, ठंड की वजह से मैं कांप रही थी लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं था. इस तरह की असंवेदनशीलता की मैंने उम्मीद तक नहीं की थी. मुझे गुस्सा तो आया लेकिन उस अवस्था में मैं कुछ नहीं कर सकी. क्योंकि मुझे इस बात का डर था कि गुस्से में आकर नर्स कुछ गलत न कर दें. आखिर बच्चे का सवाल था. इसलिए जब तक बच्चा मेरे पास नहीं आ गया तब तक मुझे अपना मुंह बंद करना पड़ा.
और तब ख्याल ये आया कि एक प्राइवेट हॉस्पिटल का जब ऐसा हाल है तो फिर सरकारी अस्पतालों में किस तरह का व्यवहार किया जाता होगा. मैं तो पत्रकार हूं, शिकायत करना भी जानती हूं. लेकिन बहुत सी महिलाएं तो इससे भी बुरा व्यवहार झेलती हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट में एक महिला ने अपना अनुभव बताते हुए लिखा है कि- ‘नर्स का जहां हाथ पड़ता वो मार देती. वो लोग बाल तक खींच देती हैं. बातें तो ऐसी कहती हैं कि सुनकर बच्चा पैदा करने पर शर्म आ जाए. पहले तो मज़ा उठा लेती हो फिर चिल्लाती हो. बच्चा पैदा कर रही हो तो दर्द तो होगा ही, पहले नहीं पता था क्या.’
डॉक्टर्स और सरकार सब अस्पतालों में होने वाले इस दुर्व्यवहार के बारे में जानते हैं
इस बात को केंद्र सरकार ने भी माना है और अस्पतालों में होने वाले दुर्व्यवहार पर सरकार ने 2017 में ‘लक्ष्य दिशानिर्देश’ जारी भी किए थे. लेकिन अस्पतालों का रवैया नहीं बदला क्योंकि ये धारणा बन गई है कि प्रसव के दौरान डांटना ज़रूरी है. नर्सें ये तक कहती हैं कि इससे महिलाओं को प्रसव में मदद मिलती है.
महिलाओं से दुर्व्यवहार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं
चंडीगढ़ के ‘पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च’ ने प्रसूति के दौरान सम्मानजनक व्यवहार और देखभाल को लेकर शोध किया है. शोध में भी पाया गया कि अस्पताल का स्टाफ़ महिलाओं के साथ सख़्ती से पेश आता है, उन्हें डांटता है और बात न मानने पर धमकाता भी है.
2017 में उत्तरप्रदेश के करीब 81 पब्लिक हॉस्पिटल में एक शोध किया गया जिसमें 900 महिलाओं से बात की गई. उत्तर प्रदेश इसलिए क्योंकि ये भारत का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला प्रदेश है. शोध से पता चला कि-
– 77.3% महिलाओं ने माना कि प्रसव के दौरान अस्पताल कर्मचारियों द्वारा उनके साथ मानसिक और शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया.
– डॉक्टर की गैर मौजूदगी में दुर्व्यवहार, गाली और भद्दे तरह से बोला जाता है.
– सरकारी अस्पतालों में 94% से ज्यादा प्रसव एक स्टाफ नर्स या दाई की मदद से किए गए थे, जिनके पास सिर्फ एक अकुशल अटेंडेंट मौजूद था.
गर्भवती महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार दुनिया में हर जगह होता है
ऐसा नहीं है कि ऐसा सिर्फ भारत में ही होता है. गर्भवती महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार दुनिया में सभी जगह पर हो रहा है. नाइजीरिया, म्यांमार, घाना और गिनी में 2,000 से ज्यादा महिलाओं को एक शोध का हिस्सा बनाया गया और शोध से पता चला कि बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से दुर्व्यवहार किया जाता है. रिपोर्ट में पाया गया कि-
– गर्भवती महिलाओं के साथ ये व्यवहार बच्चा होने के 15 मिनट पहले और दौरान सबसे ज्यादा होता है.
– 10 में से 4 से ज्यादा महिलाओं को मारा जाता है, उनके साथ जबरदस्ती की जाती है, डिलिवरी के समय उनपर चिल्लाया जाता है और उनकी आलोचना की जाती है.
– शोध में पाया गया कि छोटी उम्र की, कम शिक्षित महिलाएं विशेष रूप से प्रसव के दौरान दुरव्यवहार की शिकार होती हैं.
– सामान्य तौर पर महिलाएं उनके खिलाफ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत करने से डरती हैं.
एक महिला अपने जीवन में शायद पहली या दूसरी बार इस तरह का दर्द झेलती है. लेकिन ये डॉक्टर्स और नर्स तो रोजाना कई-कई महिलाओं की डिलिवरी करवाती हैं और शायद यही वजह है कि इनपर किसी के दर्द का असर नहीं होता. और इन बेहद संवेदनशील मामलों को भी वो बहुत असंवेदनशीलता के साथ ट्रीट करती हैं. लेकिन इस बारे में शायद ही महिलाएं शिकायत करती हैं. क्योंकि डिलिवरी के बाद जब बच्चा आता है तो न किसी को डॉक्टर की डांट याद आती है और न ही नर्सों का व्यवहार. लेकिन ये कड़वी यादें हमेशा के लिए महिलाओं के जेहन में बसी रहती हैं.

साभार: सोशल मीडिया FB

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

More like this
Related

भिलाई स्टील प्लांट: हादसों के बाद अधिकारियों पर गाज!

भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं...

नवा रायपुर: अखिल भारतीय DGP-IG कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन की बैठक शुरू…

नवा रायपुर में चल रहा 60वां अखिल भारतीय DGP-IG...

छात्र को पेड़ से लटकाने का मामला, स्कूल की मान्यता रद्द, संचालक पर FIR!

सूरजपुर जिले के निजी स्कूल में KG-2 के छात्र...

छत्तीसगढ़ी के लिए जल्द ही सत्याग्रह: नंदकिशोर शुक्ला

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिसव पर रैली और संगोष्ठी सामाजिक उदासीनता और...