छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग: अब मोबाइल से होगी मॉनिटरिंग…पढ़िए कैसे?

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छत्तीसगढ़ सरकार ने विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) के तहत जीपीएस आधारित अटेंडेंस ऐप (“CG Teacher Online Attendance App”) की टेस्टिंग शुरू की है। यह ऐप शिक्षकों की उपस्थिति, छात्र हाजिरी, अवकाश प्रबंधन और कक्षा संचालन को डिजिटल रूप से ट्रैक करने की सुविधा देगा।

अटेंडेंस सुनिश्चित करने की कोशिश
इस तरह के ऐप का प्रयोग मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के अटेंडेंस और उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। अब इसे स्कूलों में शिक्षकों के हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए भी किए जाने की कोशिश है। बता दे कि गरियाबंद और जांजगीर जिले में पूर्व में भी विनोबा ऐप नाम कर ऐप का प्रयोग शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।

मोबाइल से लगेगी अटेंडेंस
शिक्षक अपनी अटेंडेंस मोबाइल के जरिए दर्ज करेंगे, जिसकी पुष्टि जीपीएस लोकेशन से की जाएगी और यह उपस्थिति केवल तभी मान्य होगी जब वे स्कूल परिसर के 100 मीटर के दायरे में होंगे। साथ ही, वे प्रतिदिन छात्र उपस्थिति दर्ज करने, छुट्टी या ऑन-ड्यूटी का अनुरोध भेजने का कार्य भी इसी माध्यम से कर सकेंगे।
निशुल्क तैयार कराया गया ऐप
गरियाबंद जिले और जांजगीर जिले में युवा आईएएस आकाश छिकारा ने विनोबा ऐप लांच करवाया था। इसे एक एनजीओ की मदद से निशुल्क रूप से तैयार करवाया गया था। मदद से फ्री में तैयार करवाया गया था।

रोल बेस्ड लॉगिन की सुविधा
इस ऐप में रोल-बेस्ड लॉगिन की सुविधा है, इसके तहत उपयोगकर्ता को केवल उसकी भूमिका के अनुरूप ही इंटरफेस और विकल्प दिखाई देंगे।

रिपोर्टिंग के साथ निगरानी की सुविधा
प्रधानाध्यापक पूरे स्टाफ की उपस्थिति, अवकाश की स्थिति और कक्षा संचालन की निगरानी कर सकेंगे। वे ऐप से रिपोर्ट डाउनलोड कर सकेंगे, आवश्यक अलर्ट प्राप्त करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर नोटिस भी जारी कर सकेंगे। शिक्षा विभाग का दावा है कि यह डिजिटल निगरानी प्रणाली शिक्षकों की जवाबदेही और छात्रों की उपस्थिति को मजबूत बनाएगी। बता दे इस तरह का प्रयोग छत्तीसगढ़ के दो जिलों में पहले भी हुआ है।

50 मीटर की परिधि में एक्टिव होता है ऐप
यह ऐप स्कूल के 50 मीटर की परिधि में ही आकर एक्टिव होता था। टीचर्स को स्कूल आकर विनोबा ऐप के जरिए ही अपनी हाजिरी ऑनलाइन लगानी पड़ती थी। एप के जरिए अफसरों को मिलेगी सटीक जानकारी मिल सकेगी जिससे जिला मुख्यालय में बैठे अधिकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करते थे ।

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