मालेगांव विस्फोट मामले में आज 17 साल बाद एनआईए की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामलें में 3-4 एजेंसी जांच कर रही थी। मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने कहा कि जांच में कई कमियां थी।
एनआईए की विशेष अदालत ने कहा ये साबित नहीं हुआ कि बाइक में बम प्लांट किया गया। मामले की जांच में कई गलतियां थी। जज ने कहा कि मौके से फिंगर प्रिंट नहीं मिले और जांच में कई प्रकार की गड़बड़ियां थीं। बाइक साध्वी प्रज्ञा की थी, ये साबित नहीं हुआ।
विशेष एनआईए अदालत 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में अपना फैसला सुनाया जिसमें सात आरोपी शामिल थे, इनमें भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर रमेश शिवजी उपाध्याय (सेवानिवृत्त), समीर शरद कुलकर्णी, अजय एकनाथ राहिरकर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर उदयभान धर द्विवेदी उर्फ दयानंद पांडे और सुधाकर ओंकारनाथ चतुर्वेदी शामिल थे।