छत्तीसगढ़ के कोरबा में 12 जनवरी को ठगी का शिकार महिलाओं ने चक्काजाम कर दिया था। वहीं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन पहुंचे। तभी महिलाओं ने उनसे मुलाकात की। इस पर मंत्री ने महिलाओं को फिकवा देने की धमकी दे डाली। इससे भड़की महिलाओं ने मंत्री का काफिला रोक लिया था।
करीब दो घंटे बाद मंत्री वहां से आगे जा सके। इस मामले में अब एक एंबुलेंस चालक और प्रशासन ने शिकायत की थी। बिना अनुमति के चक्काजाम करने पर सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि इसमें किसी को भी नामजद आरोपी नहीं बनाया गया है।

मंत्री को रोकने पर एफआईआर की दर्ज
बता दें कि रविवार 12 को महिलाओं ने चक्काजाम कर दिया था। महिलाएं फ्लोरामैक्स कंपनी से ठगी का शिकार होने के विरोध में प्रदर्शन कर रहीं थी। इस दौरान वे श्रम मंत्री और एक अन्य मंत्री से मिलीं। तभी मंत्री के अपशब्द कहने के विरोध में उन्होंने चक्काजाम कर दिया इस पर एफआईआर दर्ज की गई है।

वायरल वीडियो के आधार पर एक्शन होगा
एएसपी ने जानकारी दी कि प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने अनुमति नहीं ली थी। एंबुलेंस चालक को भी इस प्रोटेस्ट के चलते रास्ता बदलना पड़ा। प्रोटेस्ट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के आधार पर अरेस्ट किया जाएगा।
दो मंत्री के काफिले को घेर लिया
रविवार को फ्लोरा मैक्स कंपनी के द्वारा ठगी का शिकार महिलाओं ने आदिवासी कार्यक्रम में जा रहे उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन और आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के काफिले को रोक लिया। साथ ही महिलाओं ने मंत्री को घेरकर अपनी समस्याएं बताने लगी और समाधान की मांग करने लगी। साथ ही महिलाओं ने करीब दो घंटे मंत्री को रोके रखा। इस दौरान रोड़ पर वाहनों की कतार लग गई। वहीं सरकारी कामकाज भी प्रभावित हुए।
देवांगन का धमकीभरा वीडियो हुआ था वायरल
छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने महिलाओं को धमकी दे डाली है। महिलाओं को धमकी देने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मंत्री देवांगन महिलाओं से कहते नजर आ रहे हैं- ज्यादा बात करोगे तो यहां से फिकवा देंगे।
मंत्री के इस तेवर से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही महिलाएं भड़क गईं। महिलाओं ने मंत्री को ऐसा जवाब दिया कि मंत्री ही खुद सकपका गए। महिलाओं ने मंत्री को खरी खोटी सुनाते हुए कहा हम वोट देते हैं तो आप नेता बनते हैं। इसके बाद महिलाओं ने करीब 2 घंटे तक मंत्री का काफिले रोके रखा और अपनी मांगें रखीं।
