छत्तीसगढ़ में राज्य अलंकरण के तहत दिए जाने वाले सम्मानों को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं इन्हीं सवालों के बीच भामाशाह सम्मान के लिए सुभाष अग्रवाल का चुनाव समाज के विरोध का कारण बन गया है समाज ने पूछा है की सुभाष अग्रवाल ने ऐसा क्या दानवीर वाला काम कर दिया जिसके लिए उन्हें विष्णु देव सरकार ने भामाशाह सम्मान उपराष्ट्रपति के हाथों दिलवा दी पुरस्कार के लिए दस्तावेजों को जनता के सामने रखने की मांग भी की जा रही है।
इस मामले पर समाज के अशोक कश्यप ने शपथपत्र सहित राज्यपाल से शिकायत भी की है और आरोप लगाया है कि उक्त आदमी छत्तीसगढ़िया समाज का शोषक है, जिसके द्वारा करोड़ो रूपये गरीबों का लूट लिया गया है।
इलाके में बच्चा बच्चा उसे शोषक के रूप में जानते हैं, मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नही देना, इलाज, भविष्य निधि में हेरफेर सहित आयकर और GST में गड़बड़ी के आरोपी हैं ऐसे लोगों को सरकार पुरस्कृत कर रही है!
वंदना ग्रुप के सुभाष अग्रवाल पर निशाना साधते हुए शिकायतकर्ताओं ने आगे कहा, की सरकार भूमाफिया को सम्मानित कर रही है और जो वास्तविक हकदार हैं उनका हक मार रही है।
शिकायतकर्ता ने कहा है सरकार द्वारा उचित कार्रवाई नही करने और सम्मान के लिए जमा कराए दस्तावेज नही मिलने पर राजभवन तक मार्च निकाल कर सवालों का जवाब मांगा जाएगा।
शिकायतकर्ताओं ने लिखा है कि सुभाष अग्रवाल इस प्रदेश में बाहर से कमाने खाने आया था और गरीब मजदूरों को लूट कर बड़ा आदमी बन गया, आखिर उसने ऐसा क्या किया जिसके लिए भामाशाह सम्मान उसे दिया गया, न तो कॉलेज बनवाया न ही कोई बड़ा काम समाज हित मे किया तो ऐसे में सरकार द्वारा उपकृत क्यों किया जा रहा है।
राज्य आंदोलनकारी छतीसगढ़ मजदूर संघ के देवेंद्र सोनबेर, राज्य आंदोलनकारी संघ, व प्रवक्ता छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के श्यामू राम सेन ने अयोग्य व्यक्ति से सम्मान वापस लेने की मांग की है।