छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर से कलेक्टर जनदर्शन में एक अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें एक मजदूर ने पटवारी को रिश्वत देने कलेक्टर साहब से ही 10 हजार रुपए की मांग कर दी। साथ ही कहा कि साहब- मजदूरी करके लौटा दूंगा।
इसके बाद मजूदर ने बताया कि पटवारी जमीन का नक्शा दुरुस्त करने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। उन्हें मैं 2500 रुपए दे भी चुका हूं फिर भी काम नहीं कर रहे हैं।
प्रशासनिक अमले में मंचा हड़कंप
आवेदन में शिकायतकर्ता भू-स्वामी ने कलेक्टर साहब से उधार की रकम एक माह में वापस करने का भी जिक्र किया है। आवेदन मिलने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। इस मामले में अंबिकापुर SDM फागेश सिन्हा ने कहा कि जांच करने के बाद कार्रवाई करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, मोमिनपुरा निवासी मुस्तकिम ने 28 जून 2024 को अंबिकापुर की भूमि खसरा क्रमांक 4658/1, 4658, 4658/, 4654/1 में भूस्वामियों द्वारा आपसी सहमति से 15 फीट की सड़क बनाने का फैसला लिया। इसके लिए नक्शा दुरूस्त करने का आवेदन एसडीएम अंबिकापुर के न्यायालय में पेश किया गया। एसडीएम न्यायालय द्वारा 15 जुलाई को इश्तेदार और ज्ञापन जारी किया।
पटवारी ने मांगी 10 हजार रुपए घूस
मो. मुस्तकिम ने कलेक्टर जनदर्शन पहुंचकर आवेदन पेश करते हुए बताया कि नक्शा काटने (बनवाने) के लिए उन्होंने हलका पटवारी श्रवण पांडेय को 2500 रुपए रिश्वत दिया था। पटवारी 8500 रुपए और मांग रहा है। आवेदक ने बताया कि वह गरीब है और रिश्वत की राशि देने में असमर्थ है।
मुस्तकिम ने कलेक्टर से 8500 रुपए उधार मांगा है, ताकि वह पटवारी को रिश्वत दे सके। मुस्तकिम ने कहा, वह राशि को एक महीने में लौट देगा।
लोक सेवा गांरटी का पालन नहीं
आवेदक मुस्तकिम ने आवेदन में लिखा कि हलका क्रमांक 15 के पटवारी श्रवण पांडेय ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत तय एक महीने की समय सीमा में कार्य नहीं किया, इसलिए पटवारी पर 2500 रुपए अर्थदंड अधिरोपित कर रिश्वत में दिया गया पैसा ( 2500 रुपए) वापस कराया (CG News) जाए।