बिलासपुर में एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई में गांजा तस्करी के गंभीर मामले का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में जीआरपी के चार जवान और उनके साथियों को गिरफ्तार किया गया है। यह मामला तब सामने आया जब एसीसीयू को गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग गांजे की तस्करी कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर 23 अक्टूबर को एसीसीयू ने 20 किलो गांजा के साथ दो तस्करों को हिरासत में लिया, जिससे इस रैकेट का खुलासा हुआ।
तस्करी का तरीका और जवानों की संलिप्तता भी सामने आ गई। जीआरपी के चार जवान-मुन्ना प्रजापति, सौरभ नागवंशी, लक्ष्मण गाइन, और संतोष राठौर-गांजा तस्करी में लिप्त पाए गए। ये जवान ओडिशा में रहने वाले अपने साथी योगेश सौंधिया के माध्यम से गांजा मंगवाते थे। योगेश ही गांजे की खेप को बिलासपुर में छिपाकर रखता था और फिर खरीदारों की तलाश कर उसे मोटी रकम में बेचता था। इस अवैध धंधे से जो भी रकम मिलती थी, उसे सभी जवान और उनके साथी आपस में बांट लेते थे।