यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होने जा रहा है। इसको लेकर तैयारियां लगातार चल रही हैं। तमाम राजनीतिक दल इसको लेकर जोर लगा रहे है। यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड की एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक माहौल गरमाना तय माना जा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के डुगडुगी बजाने वाली है। माना जा रहा है कि मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से चुनाव तारीखों का ऐलान हो सकता है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ-साथ यूपी और उत्तराखंड की खाली हुई 11 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव तारीख घोषित किए जा सकते हैं। चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद प्रदेश में राजनीतिक माहौल और गरमाने की संभावना है। पहले से ही प्रदेश में राजनीतिक माहौल को खासा गरमाया गया है। कुछ यही स्थिति उत्तराखंड की है। वहां पर एक सीट पर चुनाव होना है। सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं इसको लेकर रणनीति बनाते दिख रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर यूपी की राजनीति पर अपनी पकड़ को वापस पाना चाहती है। वहीं, अखिलेश यादव के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव की पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश करती दिख रही है। इसके लिए दोनों ही पक्ष तैयारियों को पूरा करते दिख रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश के तमाम बड़े नेता चुनावी जिलों में जनसभा कर चुके हैं। दूसरी तरफ, अखिलेश यादव उन तमाम मुद्दों पर खासे मुखर हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में रहे हैं।
पीडीए को धार देने का प्रयास
यूपी में भाजपा और सपा दोनों विधानसभा चुनाव 2027 से पहले खुद को मजबूत बनाने की कोशिश में है। अखिलेश यादव अपने पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए राजनीति को धार देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दूसरी तरफ, सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा चुनाव में ‘बंटोगे तो काटोगे’ का नारा देकर एक अलग ही राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश की। हरियाणा चुनाव में इसका असर दिखा। अब यूपी के राजनीतिक मैदान में भी पार्टी के पक्ष में एक बड़े वर्ग को एकजुट करने की कोशिश में भाजपा जुटी दिख रही है।