सिलियारी रेलवे साइडिंग को बंद करने NGT ने किया आदेश…

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न्यूज रिपोर्टर मोहम्मद उस्मान सैफी
एनजीटी भोपाल में मामला पहुंचने के बाद बंद हुई अवैध रेलवे साइडिंग को पुनः चालू कराने के प्रयास से ग्रामीण नाराज
जनहित में ग्रामीणों को क्षेत्रीय सांसद का भी मिला साथ
ग्राम पंचायत की बैठक में पंचायत राज अधिनियम बना ग्रामीणों का हमदर्द

धरसीवा के सिलयारी में दो दशक तक अवैध रूप से चली रेलवे की गुड्स साइडिंग एनजीटी भोपाल में मामला पहुंचने के बाद बंद भले ही क्यों न हो गई हो लेकिन उसे पुनः चालू कराने के प्रयास में कुछ स्वार्थी तत्व लगे हुए हैं जिससे ग्रामीणों में खासी नाराजी है लेकिन अब ग्रामीणों को जनहित के इस मुद्दे पर क्षेत्रीय सांसद का भी साथ मिलने से ग्रामीणों ने कुछ राहत की सांस ली है।
दरअसल सिलयारी में रेलवे ने वर्ष 2006 में एक ऐसी जगह साइडिंग बनाई जो रेलवे फाटक घनी आबादी शासकीय डॉ खूबचंद बघेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शासकीय अस्पताल जैसे प्रमुख स्थलों से बहुत करीब थी माह में बीस पच्चीस दिन रैक लगने के दौरान बड़ी संख्या में मालवाहक हाइवा वाहनों की आवाजाही से प्रदूषण ओर दुर्घटनाओं के चलते यह सभी के लिए मुसीबत की जड़ बन गई लेकिन कुछ स्वार्थी तत्वों की स्वार्थपूर्ति के कारण इसे बंद कराने में ग्रामीणों को कई बार आंदोलन के बाद भी सफलता नहीं मिल रही थी।


एनजीटी भोपाल की शरण लेने पर हुई साइडिंग बंद
ग्रामीणों स्कूली बच्चों को जानलेवा बनी रेलवे की गुड्स साइडिंग को बंद कराने को लेकर अंततः सामाजिक कार्यकर्ता लालचंद अग्रवाल ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल की शरण ली एनजीटी के आदेश पर छत्तीसगढ़ शासन ने पर्यावरण संरक्षण बोर्ड को जांच के लिए लिखा जांच में यह साइडिंग अवैध पाई गई ओर इसके बाद छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड ने 15 मई 2025 को इस साइडिंग को बंद करने के आदेश मंडल रेल प्रबंधक को जारी किए लेकिन इस आदेश के बाद भी कुछ दिनों तक यह साइडिंग चलती रही।
जिला पंचायत सभापति ने सौंपा ज्ञापन
जिला पंचायत सभापति श्रीमती सरोज चंद्रवंशी के नेतृत्व में मलोद सिलयारी कुरूद के सरपंच उप सरपंच ने 3 जून को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड पहुंचकर ज्ञापन सौंपा जिसमें एनजीटी के आदेश से बंद साइडिंग को पुनः चालू न करने की मांग की गई लेकिन 6 जून को ग्राम पंचायत सिलयारी कुरूद की सरपंच ओर उपसरपंच ने गुपचुप तरीके से रेलवे साइडिंग चालू करने एनओसी दे दी जैसे ही यह खबर जिला पंचायत सभापति ओर ग्रामीणों को ज्ञात हुई उन्होंने ,13 जून को तत्काल ग्राम पंचायत में बैठक आयोजित की इसके बाद सरपंच ने एनओसी को निरस्त किया लेकिन मामला तब भी ठंडा नहीं हुआ।
एनओसी को थी बैठक पंचायत राज अधिनियम आया आड़े
एनजीटी के आदेश से बंद की गई रेलवे की गुड्स साइडिंग को पुनः चालू कराने के प्रयास अब भी थमे नहीं हैं ग्राम पंचायत सरपंच उप सरपंच का बार बार मन बदल रहा है इसी मुद्दे पर एक बार फिर शनिवार छह जून को बैठक होने की जानकारी स्थानीय ग्रामीण को जैसे ही मिली उन्होंने ग्राम पंचायत में लिखित आवेदन दे दिया जिसमें उन्होंने लिखा कि पंचायत राज अधिनियम में कोई भी प्रस्ताव होने के बाद उसी संबंध में छह माह के पूर्व कोई प्रस्ताव करना अपराध की श्रेणी में आता है
ग्रामीण के इस आवेदन के बाद पंचायत राज अधिनियम के आड़े आने से रविवार को इस अवैध साइडिंग को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं हो सका।
सांसद तक पहुंचा मामला
ग्रामीण जनप्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता किसी भी हाल में इस जानलेवा साइडिंग को चालू नहीं होने देना चाहते इसलिए उन्होंने अब क्षेत्रीय सांसद तक अपनी आवाज पहुंचाई है जिला पंचायत सभापति श्रीमती सरोज चंद्रवंशी सहित जनहित में लगे लोगों ने शुक्रवार को क्षेत्रीय सांसद बृज मोहन अग्रवाल तक अपनी बात पहुंचाई और साइडिंग चालू न हो यह मांग की इस पर सांसद ने डीआरएम को इस साइडिंग को बंद रखने बोला है
क्षेत्रीय सांसद का साथ मिलने से ग्रामीणों ने कुछ राहत की सांस ली है

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