बिलासपुर नगर निगम में मानचित्र पासिंग से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें विकास सिंह नाम के एक रहस्यमयी व्यक्ति के नाम पर 400 से अधिक नक्शे पास होने की बात सामने आई है। चौंकाने वाली बात यह है कि विकास सिंह की न तो कोई शैक्षणिक पहचान है, न कोई भौतिक उपस्थिति, फिर भी वर्षों से वह आर्किटेक्ट के नाम पर नगर निगम में निर्माण नक्शे पास करवा रहा था।
इस पूरे मामले का पर्दाफाश आर्किटेक्ट एसोसिएशन की ओर से की गई शिकायत के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास सिंह आर्किटेक्ट है ही नहीं। एसोसिएशन ने यह भी कहा कि काउंसिल ऑफ आर्किटेक्ट्स से पंजीकृत हुए बिना कोई व्यक्ति आर्किटेक्ट के तौर पर काम नहीं कर सकता, फिर भी विकास सिंह नाम से दर्जनों नक्शे निगम में जमा कराए गए और अधिकारियों ने आंख मूंदकर उन्हें पास कर दिया।
बताया जा रहा है कि विकास सिंह नाम एक “डमी चेहरा” मात्र है और असल में नगर निगम व टाउन प्लानिंग विभाग में सक्रिय एक प्रभावशाली कर्मचारी ही वर्षों से उसकी पहचान का उपयोग कर रहा था। पिछले 10 वर्षों में 400 से अधिक नक्शों को विकास सिंह के नाम से स्वीकृति मिल चुकी है, जिनमें से कई अवैध और नियमनविरुद्ध निर्माण कार्य साबित हो सकते हैं।
शहर में तेजी से उग आईं बड़ी अवैध इमारतों के पीछे इसी गिरोह की मिलीभगत मानी जा रही है, जो स्वीकृत मानचित्रों की अनदेखी करके निर्माण कराता रहा और संबंधित अधिकारी चुपचाप उन पर हस्ताक्षर करते रहे।
नगर निगम ने इस मामले में संबंधित इंजीनियर को दो बार नोटिस जारी किया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। अंततः निगम ने विकास सिंह का लाइसेंस निलंबित कर दिया, मगर इसके बाद भी वह सामने नहीं आया।