अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: अद्भुत आत्मशक्ति की परिचायक सोना वर्मा…जानिए कौन हैं!

Date:

सोने की चमक लिए सोना वर्मा ने स्थापित किए राजनीति और समाज में बराबर का मुकाम।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज एक ऐसी महिला शक्ति का आपसे परिचय कराते हैं जो न केवल एक गृहिणी बल्कि ग्राम विकास की धुरी होकर प्रदेश की राजनीति में एक सशक्त हस्ताक्षर बन चुकी हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी से 50 किलोमीटर ग्राम कनकी (खरोरा) की सोना!
जी हां जैसा उनका नाम है वैसा ही उनका व्यक्तित्व, श्रीमती सोना वर्मा वर्तमान में जिले की सबसे बड़ी भाजपा मंडल खरोरा की अध्यक्ष हैं और उनके संचालन में जिले की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत खरोरा में बीजेपी की नगर सरकार पुनः स्थापित हुई है।

कौन है सोना वर्मा?
राजनीति में पोस्टग्रेजुएट सोना वर्मा ग्राम कनकी में सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षिका से आज बीजेपी की मंडल अध्यक्ष तक का सफर तय कर चुकी हैं, इस पड़ाव तक सोना का जीवन आसान नही रहा, एक सामान्य ग्रामीण परिवार की बहु होकर गांव की राजनीति में सकारात्मक परिवर्तन का श्रेय सोना को जाता है।
वर्ष 2005 से एक सरपंच के रूप में शुरू हुआ राजनीतिक यात्रा आज कई पायदान पार कर चुकी है, जिला पंचायत रायपुर की सदस्य होते हुए सोना वर्मा ने राजनीति को पारिवारिक परिचय में बदल दिया।
भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा रायपुर ग्रामीण की मंत्री होते हुए सोना ने अपने नाम के अनुरूप नेतृत्व की कई मिसालें पेश की, न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी उनके कदम निरंतर आगे बढ़ते रहे, वर्ष 2012 में मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज चंदखुरी की अध्यक्ष रहते हुए सोना वर्मा ने महिलाओं की भूमिका को समाजहित में सशक्त किया, निरंतर सामाजिक और राजनीतिक पक्षों में बराबर सामंजस्व बिठाते हुए सोना वर्मा ने अपनी सूझबूझ से एक बड़ी लकीर महिला स्वालंबन की खींची और सफलता पूर्वक बीजेपी महिला मोर्चा रायपुर की कर्ताधर्ता रहीं।

एक महिला जब घर की दहलीज लांघ कर बाहर की दुनिया से परिचय करती है तब कई तरह की बातें और घटनाएं परिवार और समाज से उठती है और जो इन बातों को धुएं में उड़ा कर आगे बढ़ती हैं उन्हें ही मंजिल मिलती है और मंजिल तक पहुंचने का जो जस्बा सोना के भीतर धधका उसने समाज की कई रूढ़ियां तोड़ी!
परिवार, समाज और एक गृहणी होकर जिनकी पहचान एक राजनेता के रूप में भी स्थापित हो वही सोना है!

नौकरीशुदा पति, पढ़नें वाले बच्चे, खेती किसानी करने वाला घर परिवार, सोना ने न केवल बहु होने का फर्ज निभाया बल्कि एक मां और पत्नी का किरदार बखूबी निभाया और शायद समसंजस्व का यही समीकरण उन्हे राजनीति के शीर्ष पर ले जाने वाला है।

1980 के दशक में जन्मी सोना पढ़ाई में मेधावी तो रहीं खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी सोना रहीं।

सोना वर्मा लगातार भारतीय जनता पार्टी की सच्ची सिपाही बनी रहीं और संगठन को हर स्तर पर मजबूत करती रहीं यही कारण रहा की शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी और उन जवाबदारियों को सोना ने बखूबी निभाया।

प्रदेशवाद से चर्चा में उन्होंने बताया की उनके हर फैसले पर पति लीलाधर वर्मा का बराबर साथ रहा, बल्कि उनका तो मानना है की जब तक परिवार आपके साथ खड़ा है आप ऊर्जावान बने रहते हैं, आज इस मुकाम पर जब भी पलट कर पीछे देखती हैं उनका पूरा परिवार खड़ा मिलता है।

सामाजिक सरोकार से कभी पीछे नहीं हटीं, हमेशा डटी रहीं: सोना
वे बताती हैं की राजनीति और समाज में उनकी दखल बराबर बनी हुई है और हर मौकों पर राजनीति को माध्यम बना कर समाज की सेवा से गुरेज नहीं करतीं।
बीजेपी के पिछले 15 सालों की सरकार में सोना ने एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में आमजनों की समस्या शासन प्रशासन के पटल पर रख उनका निदान खोजा और निरंतर अंतिम पंक्ति के लोगों के लिए काम करती रही जो आज भी अनवरत जारी है।

बीजेपी में राष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान

सोना वर्मा लगातार संगठन के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनी हैं और यही कारण रहा की उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली, वे कई दिग्गज महिला नेत्रियों संग दिल्ली और अन्य राज्यों में राष्ट्रीय संगठन के लिए काम कर रही हैं।
आज दिल्ली से लेकर ग्राम पंचायत तक बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार विकास की द्रुत रफ्तार से आगे बढ़ रही है।
बीजेपी की सरकार ने ही देश में महिला नेतृत्व को 50 प्रतिशत आरक्षित किया है और लगातार नारी शक्ति को देश संचालित करने मौके बना रही है निश्चित ही यह क्रम महिला सशक्तिकरण का शानदार उदाहरण है जो पूरा विश्व भारत से सीख रहा है!

सोना वर्मा एक मिशाल है छत्तीसगढ़ की उनसभी महिलाओं के लिए जो चूल्हा चौका और परिवार तक सीमित कर दी गई हैं, सोना एक आवाह्न है नारी शक्ति को, जो मानों कह रही हो, आओ उठो पहचानों अपने अस्तिस्व को, कूद जाओ समर में, सुरक्षित कर लो अपने हिस्से की इज्जत, मान, स्वाभिमान!
नारी, बेचारी नही है वह निर्मात्री है देश, समाज और परिवार की।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेशवाद नमन करता है सोना वर्मा और उन जैसी सभी महिलाओं को जो अपने दम पर अपने अस्तित्व का नींव रखती हैं।

आलेख: गजेंद्ररथ गर्व, संपादक प्रदेशवाद, छत्तीसगढ़

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

More like this
Related

प्रदेश में मजबूत होती स्थानीयता के पीछे CKS के दस सालों की कड़ी मेहनत!

प्रदेश में मजबूत होती स्थानीयता और CKS  छत्तीसगढ़ शांत और...

तिरंगा सिर्फ एक ध्वज नहीं, हमारी एकता, शौर्य और सम्मान का प्रतीक है: अनुज

राजधानी रायपुर के भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में भारत...

रायपुर ननि: MIC की बैठक, करोड़ों के विकास काम तय…पढ़िए!

रायपुर: नगर निगम की महापौर परिषद (एमआईसी) की बैठक...

छत्तीसगढ़ में पांच हजार शिक्षक भर्ती का ऐलान…जानिए !

छत्तीसगढ़ में बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत मिलने वाली...