नगरीय निकायों में ठेका कर्मचारियों के हड़ताल के चलते सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, नगर पंचायत खरोरा में ठेका कर्मियों के हड़ताल ने अव्यवस्था पैदा कर दी है, एक तो साल का आखिरी महीना है कई तरह के टैक्स संबंधी काम भी ठेका कर्मचारियों के बदौलत ही चल रहे थे लेकिन हड़ताल के चलते स्थिति बिगड़ गई है।
सबसे बड़ी समस्या कचरा कलेक्शन से पैदा हुई है, गली मोहल्ले वार्डों में कचरा गाड़ी घूम घूम कर डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर रही थी लेकिन अब हड़ताल के चलते गाड़ी नहीं आ रही है ऐसे में घर-घर कचरे का अंबार लग गया है और महिलाएं घर का सूखा गीला कचरा बाहर फेंकने मजबूर है।
नालियों में भी कचरा जाम पड़ा हुआ है घर से निकलने वाले कचरा भी लोग नालियों में डाल रहे हैं जिसके चलते परेशानी बढ़ने लगी है नगर पंचायत खरोरा में लगभग 60 ठेका कर्मचारी काम करते हैं जिनमें नल जल, सफाई, स्ट्रीट लाइट सहित कई तरह की सेवाएं ठेका कर्मचारी दे रहे थे जिनके हड़ताल में जाने के बाद व्यवस्था चरमरा गई है, अब अगर जल्द से जल्द व्यवस्था नहीं की गई तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
वहीं दूसरी और राजधानी के धरना स्थल माना तूता में लगातार प्लेसमेंट कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। कर्मचारियों के अनुसार आज 18 तारीख को अंतिम निर्णय की बात कही गई है अब देखना होगा की सरकार प्लेसमेंट कर्मचारियों की बात मानती है या कुछ और व्यवस्था करती है, बताते चलें की मुख्य रूप से प्लेसमेंट कर्मचारियों ने ठेका प्रथा बंद करने की मांग की है, उन्होंने मोदी सरकार की गारंटी का हवाला देते हुए बीजेपी के घोषणा पत्र पर लिखी बातों को दोहराया है निजीकरण खत्म कर नियुक्ति देने की बात पर अड़ी है।
16 दिसंबर को घेराव के निकली प्लेसमेंट कर्मियों की भीड़ देखने लायक रही…