नगर पंचायत खरोरा में फिर से BJP काबिज हो गई है! फर्क बस इतना है कि अब अनिल सोनी की जगह उनकी पत्नी सुनीता सोनी नगर सत्ता की कुर्सी संभालेंगी!
इस बार महिला पार्षदों की संख्या 5 है यानी नगर खरोरा की कमान इस बार पूरी तरह से नारी शक्ति के हाथों, खरोरा नगर को माँ महामाया की नगरी कहना सार्थक हो चुका है। जिस तरह नगर में शक्ति की भक्ति होती रही है अब शक्ति इस नगर का संचालन करेंगी।
कौन बनेगा नगर पंचायत उपाध्यक्ष?
चुनाव परिणामों के बाद अब नगर पंचायत उपाध्यक्ष के लिए चर्चाएं शुरू हो चुकी है, क्योंकि BJP बहुमत में है उनके पास 8 पार्षद जीत कर आये हैं ऐसे में उपाध्यक्ष पद के लिए कोई विवाद ही नही दिखता लेकिन भीतर के समीकरणों पर चर्चा करना जरूरी है।
कहा जा रहा है कि उपाध्यक्ष के लिए विधायक अनुज शर्मा के बहुत करीबी और विधायक कार्यालय प्रमुख सुमित सेन का नाम सबसे आगे चल रहा है, इसका प्रमुख कारण शायद विधायक का करीबी होने से ज्यादा सुमित का 3 बार के विजेता रहे कद्दावर नेता भरत कुम्भकार को हराना हो सकता है, लगभग 15 सालों बाद इस वार्ड में बीजेपी का परचम लहराया है, इसी वार्ड से लगातार दो बार हारने के बाद इस बार सुमित को जन आशीर्वाद मिला है ऐसे में उनका उपाध्यक्ष पद पर अधिकार की बाते आम है! वहीं पार्टी के लिए सुमित की निष्ठा और तत्परता पर भी पार्टी प्रमुखों का ध्यान है।
सुमित को मिलेगा विधानसभा चुनाव में किए मेहनत का फल?
कहा जा रहा है कि सुमित ने विधानसभा चुनाव में अनुज शर्मा के लिए जो मेहनत की है उसका पुरस्कार भी उसे मिल सकता है तो वहीं दूसरा समीकरण पूर्व नपं अध्यक्ष अनिल सोनी के करीबी पंच राम यादव के लिए भी बन रहे हैं, पंच राम दूसरी बार जीत कर आये हैं, अनिल सोनी के खास होने का फायदा उन्हें मिल सकता है, दूसरी बार जीत कर आने वाले पूर्णेंद्र के लिए भी कुछ ऐसा ही समीकरण बनता है!
इधर महिला शक्ति के नाम की गूंज के बीच JCP से एक मात्र पार्षद हेमलता नशीने के लिए भी बातें हो रही हैं पर BJP की बहुमत के बीच इन बातों पर समीकरण तलाशना वाजिब नही ठीक वैसे ही जैसे निर्दलीय पार्षद राहुल मरकाम की उम्मीदवारी की बात!
इस बात पर आशंका जताई जा सकती है कि निर्दलीय 4 पार्षद, कांग्रेस के 2 और 1 JCP मिलाकर कुल 7 पार्षद कुछ खेल कर सकते हैं पर क्या BJP यह होने देगी?
इस बार BJP की एकजुटता अतुलनीय है इस बात पर आशंकित होना की कहीं से BJP के एकात पार्षद तोड़े जा सकते हैं यह दिवास्वप्न होगा?
नारी शक्ति की भक्ति!
कैसा होगा नगर का आने वाला 5 साल?
पूरे नगर में महिला अध्यक्ष बनने और उसके कार्य क्षमता पर बातें हो रही हैं, महिलाओं को नाममात्र की नेतृत्व का आधार बताने वाले भी कम नही हैं लेकिन क्या सच में नगर सत्ता महिलाओं के हाथों विकास की धार बना पाएगी?
इससे पहले नगर पंचायत में निशा अरविंद देवांगन नगर अध्यक्ष की कमान संभाल चुकी हैं और अब सुनीता अनिल सोनी की पारी है, इस दोनों में समानता यही है कि इनके पति पहले नगर पंचायत अध्यक्ष रहें और उनके ही मार्गदर्शन में नारी शक्तियों ने संचालन का बागडोर संभाला, शायद इस बार भी यही होगा?
क्योंकि BJP की सरकार केंद्र, राज्य और नगर स्तर पर भी है ऐसे में अध्यक्ष के लिए करने कुछ खास काम नही होंगे!
BJP सिस्टम और कैडर से सजी पार्टी मानी जाती है ऐसे में अब कमांड भी सिस्टम से ही मिलेंगे?
विधायक की होगी बड़ी जिम्मेदारी?
जिस तरह से विकास और योजनाओं के संचालन के लिए पार्टी में नियोजन बना हुआ है और शायद नगर पंचायत चुनाव भी विधायक और मंत्रियों के चेहरे पर बेस्ड था ऐसे में नगर विकास के लिए अब सीधे विधायक मंत्रियों की जवाबदेही बड़ जाती है?
नगर पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने दी बड़ी टक्कर, निशा अरविंद की हार को लेकर भी नगर में चर्चा!
जिस तरह केवल 10 वोट से जीत BJP के लिए कोई खास उपलब्धि नही है वैसे ही कांग्रेस का इस कदर टक्कर देना जरूर बड़ी उपलब्धि बन गई है!
नगर में इस बात की चर्चा भी है कि जिस तरह एक लहर निशा अरविंद के नाम की बनी थी और आखिर तक सभी आश्वस्त दिख रहे थे और परिणाम के साथ उनका तीसरे नम्बर पर होना भी अचरज करने वाला है?
जिस तरह से EVM मशीनों को लेकर दिल्ली में आंदोलन तेज हुआ है साथ ही मोना बबलू भाटिया ने परिणामों को लेकर जो सवाल उठाए हैं उन पर भी नगर में चर्चा जारी है!