खरोरा थाना अंतर्गत आने वाले गांव के सभी सरपंचों और कोटवारों की बैठक लेकर थाना प्रभारी दीपक पासवान ने त्योहारों के मद्देनजर गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस की भूमिका को लेकर चर्चा की।
थाना प्रभारी ने कहा कि त्योहारों को देखते हुए गांव की शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस की है और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका ग्राम कोटवारों और पंचायत प्रतिनिधियों की होती है। क्षेत्र में अवैध शराब के मामलों में तेजी से हो रहे कार्रवाइयों को लेकर कई ग्राम सरपंचों ने पुलिस की कार्यप्रणाली की प्रशंसा की और गांव के मैदानों, सड़कों और सुनसान इलाकों में बैठकर नशाखोरी करते लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील भी की इस मौके पर लगभग 50 गांव से पहुंचे सरपंच और कोटवारों ने अपने-अपने गांव में होने वाले मातर महोत्सव की जानकारियां दी और किसी भी तरह से अव्यवस्था को लेकर पुलिस से 24 घंटे चौकस रहने की अपील भी की, बताते चलें कि गांवों में मातर मड़ई महोत्सव गोवर्धन पूजा के बाद से शुरू हो जाया करती है जिसमें भारी संख्या में आसपास के लोग भी मातर महोत्सव में शामिल होते हैं इस बीच नशाखोरी के चलते कई बार विवाद की स्थितियां भी बन जाती हैं जिसे लेकर पुलिस चौकस है।
थाना प्रभारी खरोरा ने इस बात के लिए ग्राम सरपंचों को आश्वस्त किया की पुलिस की ओर से मुस्तैदी में कोई कमी नहीं की जाएगी।
थाना प्रभारी दीपक पासवान ने सभी कोटवारों और सरपंचों को अपना निजी मोबाइल नंबर के साथ ही थाना और सुरक्षा दलों के संपर्क नंबर भी साझा किए और परिस्थितियों से अवगत कराने की बात कही।
इस व्यवस्था बैठक के उपरांत सभी कोटवारों और सरपंचों ने एक दूसरे को दीपावली की बधाइयां दी और अपने-अपने गांव में होने वाले मातर महोत्सव के लिए एक दूसरे को निमंत्रण भी दिया साथ ही थाना प्रभारी और स्टाफ को भी अपने ग्राम महोत्सव में शामिल होने का आग्रह किया इस मौके पर छत्तीसगढ़िया पत्रकार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र रथ वर्मा भी उपस्थित रहे जिन्हें ग्राम सरपंचों और कोटवारों ने अपने गांव में होने वाले महोत्सव में शामिल होने का नेवता दिए।
वास्तव में इस बार त्यौहार की विडंबना यह है की नगर पंचायत खरोरा में 31 तारीख को ही दीपावली का त्यौहार मना लिया गया है और आसपास के गांव में 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का दिन तय हुआ है ऐसे में त्योहार के रूप में भिन्नता आ गई है अब नगर खरोरा गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर को मनाएगी इसके बाद से मातर महोत्सव की शुरुआत होगी इस तरह त्योहार का अलग-अलग तारीख में मनाया जाना लोगों में भ्रम पैदा करने वाला है, खरोरा तहसील के आसपास के गांव में ईसर गौरा महोत्सव 2 नवंबर को मनाया जाएगा वहीं खरोरा में ईसर गौरा विसर्जन का कार्यक्रम 1 नवंबर को ही संपन्न हो चुका है।