खरोरा नपं अध्यक्ष चुनाव का रण: निशा अरविंद देवांगन कल दाखिल करेंगी नामांकन, बीजेपी से रश्मि वर्मा, मोना बबलू कांग्रेस से और हीरा अशोक अमलानी निर्दलीय प्रत्याशी!

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निकाय चुनाव की सरगर्मी के बीच खरोरा से खलबली मचाने वाली खबर आ रही है, यहां पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष निशा अरविंद देवांगन कल 25 जनवरी को भारी जनसमर्थन के साथ नपं अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने वाली हैं, इस घोषणा के बाद नगर का राजनीतिक समीकरण बदल गया है।

बतादें के निशा अरविंद देवांगन ने बीजेपी से टिकट मांगा था और लगभग टिकट फाइनल माना जा रहा था, ऐसे में पार्टी के भीतरी निर्णय ने निशा अरविंद को किनारा कर दिया!
इतना ही नही ऐन मौके पर प्रभारी भी बदल दिया गया, ऐसे में अब निशा अरविंद देवांगन और उनके समर्थकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

बीजेपी में कुछ महीने पहले शामिल होने की वजह से नही मिला पार्टी से टिकट या मामला कुछ और?

निशा अरविंद देवांगन खरोरा नपं से जिताऊ प्रत्याशी मानी जा रही थी लेकिन उनके नाम पर असहमत होने का कारण उनके पति अरविंद देवांगन के कांग्रेस से बीजेपी में कुछ महीने पहले आने की घटना को माना जा रहा है लेकिन अरविंद देवांगन इससे पहले भी बीजेपी से नगर पंचायत खरोरा के अध्यक्ष रह चुके हैं और इस बार भी बीजेपी से टिकट के लिए दावेदारी की थी, खरोरा के पूर्व चुनाव प्रभारी के द्वारा भी उनके नाम पर सहमति जताए जाने की बात कही जा रही थी लेकिन अब बीजेपी के विश्वस्त सूत्रों के हवाले से 6 नम्बर वार्ड की पार्षद रश्मि वर्मा को टिकट देने की जानकारी मिली है जिसके बाद से खरोरा का राजनीतिक समीकरण बदला है!
चर्चा यह भी है कि अरविंद देवांगन तेजतर्रार और कद्दावर नेता हैं और उसके बीजेपी में शामिल होने से कुछ बीजेपी नेताओं में असुरक्षा की भावना के चलते यह समीकरण बिठाया गया है!
लेकिन निशा अरविंद देवांगन के निर्दलीय मैदान में उतरने से बीजेपी को ही नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं दूसरी ओर हीरा अशोक अमलानी भी निर्दलीय मैदान में है इनके पति अशोक अमलानी भी पूर्व में नगर पंचायत खरोरा के अध्यक्ष रहे हैं और इन्होंने भी बीजेपी छोड़कर निर्दलीय उम्मीदवारी की है ऐसे में नगर पंचायत का गणित बीजेपी के आसपास ही घूम रही है!

वहीं कांग्रेस ने मोना बबलू भाटिया को अपना प्रत्याशी बनाया है जो युवा कांग्रेस के पूर्व महासचिव रविन्द्र बबलू भाटिया की पत्नी और खुद पार्षद भी हैं ऐसे में कांग्रेस एकजुट और बीजेपी फैली हुई जान पड़ रही है! कुछ राजनीतिक जानकर इसे अलग नजरिये से भी देख रहे हैं।

निशा अरविंद देवांगन का मैदान में आना उनके भारी जनसमर्थन को माना जा रहा है, पुरानी बस्ती खरोरा और गौंटियाबाड़ा की पारिवारिक सदस्य के रूप में उन्हें देखा जा रहा है तो वहीं रश्मि वर्मा को बीजेपी कद्दावर महिला नेता के रूप में पेश कर रही है, रश्मि वर्मा वर्तमान में कुर्मी समाज की कई जिम्मेदारियों के साथ बीजेपी महिला मोर्चा की कमान संभाले हुए है ऐसे में बीजेपी का उन्हें टिकट देना कई समीकरण की ओर इशारा कर रहा है!

चर्चा यह भी है कि रश्मि वर्मा बीजेपी के कद्दावर नेता रमेश बैस और मंत्री टंकराम वर्मा सहित विधायक अनुज शर्मा की करीबी मानी जाती हैं जो उनके प्रत्याशी होने के लिए फायदेमंद रही!

वहीं दूसरी ओर निशा अरविंद देवांगन की निर्दलीय प्रत्याशी होने की घोषणा ने भी खरोरा के चुनावी समर में दिलचस्प राजनीतिक युद्ध का शंखनाद कर दिया है।
अब देखना होगा खरोरा की लगभग 8 हजार मतदाता संख्या किस पर भरोसा जताती है!

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