छत्तीसगढ़ के कांकेर में रॉकेट पटाखे के एक मकान में घुस जाने के बाद आगजनी और उस आगजनी में अवैध रूप से भंडारित रसोई गैस सिलेंडर के मामले में पुलिस के पास शिकायत के लिए पहुंचे प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ रहा है।
दरअसल बीती रात कांकेर में दीपावली की धूम धड़ाके के बीच आतिशबाजी का रॉकेट एक मकान में जा घुसा इसके बाद आग लगने से आसपास अफरा तफरी मच गई इसी बीच मोहल्ले में भारी संख्या में भंडारित कर रखे रसोई गैस सिलेंडरों का खुलासा हुआ जिसकी शिकायत लेकर वरिष्ठ पत्रकार थाने पहुंचे हुए थे लेकिन थाने में उनकी शिकायत पर कार्यवाही करने के बजाय उपस्थित सिपाही ने वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ ही दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना को अंजाम दिया, जिससे कमल शुक्ला के आंखों में चोट है और उनका चश्मा भी तोड़ दिया गया।
इस बात की जानकारी संयुक्त पत्रकार महासभा को लगते ही प्रदेश भर के पत्रकार एकजुट हो रहे हैं पत्रकारों का संगठन इस घटना की कड़ी निंदा कर रहा है और प्रदेश भर से पत्रकार कांकेर की ओर रवाना हो रहे हैं, बताते चलें की वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला लगातार पत्रकारों के ऊपर हो रहे अत्याचार अन्याय और मारपीट मामले में सक्रिय रहे हैं बस्तर के कोंटा, बालोद के गुरूर सहित राजधानी रायपुर में पत्रकारों के साथ हुए मारपीट और दुर्व्यवहार पर वे लगातार लामबंद रहे हैं, ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार के साथ कांकेर थाने में हुई मारपीट और दुर्व्यवहार पत्रकारों के लिए अक्रोशित कर देने वाला मामला है।
ऐसे में अब देखना होगा की पुलिस विभाग में व्याप्त अराजगता और पत्रकारों के अधिकारों को लेकर जारी संघर्ष में सरकार की क्या भूमिका निकल कर आती है।
इस घटना के बाद से प्रदेश भर के पत्रकार टेलिफोनिक मीटिंग कर रहे हैं और जल्द ही एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा कांकेर में बनाई जा रही है।
इस मामले में छत्तीसगढ़िया पत्रकार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्ररथ लगातार अपडेट ले रहे हैं उन्होंने कांकेर थाना के थाना प्रभारी मनीष नागर से भी बातचीत की, थाना प्रभारी मनीष नागर ने बताया कि उनकी अनुपस्थिति में यह सब हुआ है जिसके लिए वे खेद प्रकट करते हैं!
अब देखना होगा कि पत्रकारों के आक्रोश का सामना पुलिस प्रशासन कैसे करती है!