राम…राम वेदराम…सबके बनाथे बिगड़े काम!
क्षेत्र में जननेता के रूप में पहचान रखने वाले वेदराम मनहरे, एक नेता से बढ़कर ऐसा व्यक्तित्व जिसे क्षेत्र की जनता अपना मुख्यमंत्री मानती है!
सच! रोज सुबह की शुरुआत लोगों की चौपाल के साथ और देर रात तक जन समस्याओं को निपटाते वेदराम को देखा जा सकता है!
क्यों आते हैं लोग उनके पास, न तो वे कोई बड़े पद में रहें और न ही दोनों हाथों से रुपए लुटाते हैं फिर क्यों तिल्दा जनपद, रायपुर ग्रामीण सहित आरंग और पलारी के लोगों का डेरा उनके घर पर दिख जाता है!
वेदराम कोई जन्म से चांदी का चम्मच लेकर पैदा नही हुए, मेहनत की जन भावनाओं का ख्याल रखा, लोगों के काम आए, गरीबों, मजलूमों का सहारा बने तब जाकर ये मुकाम पाया!
कुछ लोग उसे गुंडा कह देते हैं और वो है भी! लेकिन उनके लिए जो उन्हें और उनके लोगों को प्रताड़ित करते हैं, अभी अभी उनके छोटे भाई पर एक तथाकथित अपहरण का मामला भी खबरों में रहा लेकिन फिर भी उन्हें चाहने वालों की संख्या कम कहां हुई?
चौपाल अब जन सैलाब बन कर उमड़ पड़ा है उनकी रैलियों में लोगों का हुजूम दिखता है, महिलाओं और युवाओं की संख्या कहीं ज्यादा!
जब वे कांग्रेस में रहे तब भी लोग उन्हें अपना विधायक बनाने की उम्मीद पाले रहें, बीजेपी में भी इसी उम्मीद से जन आकांक्षाओं के चलते प्रवेश हुआ और यहां भी उन्हें टिकट नही दिया गया, कोई बात नही फिर भी वेदराम ने हार नहीं मानी चुनाव प्रभारी बने और आरंग, धरसींवा से दो विधायक जीता कर लाने में सफल हुए, पार्टी ने इसकी सराहना भी की!
रायपुर जिला पंचायत सदस्य के लिए क्रमांक 19 से अपने चाहने वालों की ज़िद पर प्रत्याशी बने हैं, उनके साथ चलने वालों का हुजूम देखते बनता है।
जीत हार मायने नही रखती, लोगों का प्रेम और विश्वास वेदराम की पूंजी है, तभी तो लोगों ने यह नारा दिया है…राम…राम वेदराम…सबके बनाथे बिगड़े काम!