हिंदी और छत्तीसगढ़ी फ़िल्म इंडस्ट्री के जानेमाने फ़िल्म लेखक, पटकथाकार गजेंद्ररथ गर्व की लिखी- स्लीपर बॉक्स, सच्ची कहानी को सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफॉर्म पर लाखों लोगों ने पढ़ा और अब गजेंद्ररथ ने इस कहानी पर हिंदी और छत्तीसगढ़ी भाषा में फ़िल्म बनाने की घोषणा की है।
गजेंद्ररथ फ़िल्म संस्थान पुणे के विद्यार्थी रहे हैं और छत्तीसगढ़ में उनकी लिखी कई फिल्में रिलीज हैं, गजेंद्ररथ एक पत्रकार और छत्तीसगढ़ी भाषा,संस्कृति, अधिकार के लिए लड़ने वाले सेनानी के रूप में चिन्हे जाते हैं।
कहानियों के लिए सर्वोचित संकलन एप के रूप में प्रसिद्ध प्रतिलिपि पर गजेंद्ररथ गर्व की सच्ची कहानी 4.3 स्टार रेटिंग्स के साथ सबसे ज्यादा पढ़ें जाने वाली कहानी के रूप में नामांकित हुई है।
इस कहानी के लिए गजेंद्ररथ को दिल्ली की लेखन संस्थान सहित कई साहित्यिक मंचों पर सम्मानित किया गया है।
गजेंद्ररथ सच्ची कहानियाँ लिखने वाले फ़िल्म लेखक के रूप में जाने जाते हैं, नारी प्रधान केंवरा और सुंदरी कोर्राम जैसी संवेदनशील सच्ची कहानी के लेखक, फिल्मकार गजेंद्ररथ अब अपनी कहानियों को पर्दे पर लाने की तैयारी कर रहे हैं।
गजेंद्ररथ छत्तीसगढ़ फ़िल्म एसोसिएशन के कार्यकारणी सदस्य और प्रवक्ता हैं और लगातार अच्छी कहानियों के साथ छत्तीसगढ़ी फिल्मों में नए अध्याय की शुरुआत के लिए काम कर रहे हैं।
गजेंद्ररथ ने छत्तीसगढ़ में फ़िल्म निर्माण की शुरुआत 2006 में स्वप्निल फ़िल्म के मनोज वर्मा को बैर फ़िल्म के निर्देशन की कमान देकर की थी, तब से अब तक उनकी लिखी कहानियों पर कई फ़िल्म बनी है, जिनमें पहुना, माटी मोर मितान, तोला ले जाहूं उढ़रिया शामिल हैं।
स्लीपर बॉक्स गजेंद्ररथ की खुद की कहानी है जो उनके कॉलेज और लव लाइफ से जुड़ी है, इसमें एक आम मध्यमवर्गीय परिवार के नौजवान लड़के की भावनाओं का चित्रण है, करियर को लेकर संघर्ष के बीच प्रेम और समर्पण का सच्चा ताना बाना, यूं लगता है जैसे यह कहानी, पढ़ने वाले कि ही है, शायद इसलिए हर कोई इसे अपनी कहानी मानने लगता है।
इस कहानी के लिए हज़ारों लोगों की प्रतिक्रिया मिली है जिससे प्रभावित होकर गजेंद्ररथ इस पर फ़िल्म बनाना चाहते हैं।
उनके ब्लॉग पर यह कहानी आप भी इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं और प्रतिक्रिया दे सकते हैं…
https://gajendrarath.blogspot.com/2017/08/blog-post.html
या प्रतिलिपि पर…गूगल में हिंदी में लिखिए स्लीपर बॉक्स सच्ची कहानी और यह कहानी ज़रूर पढ़िए।