छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार गीतकार कवि छत्तीसगढ़ी फिल्मों के संवाद लेखक पटकथाकार गिरवर दास मानिकपुरी जी का निधन साल के अंतिम दिन 31 दिसंबर 2024 को दिल का दौरा पड़ने से हो गया।
यह खबर साहित्य समाज को।गमगीन कर गया, दिल का दौरा पड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था देर शाम यह खबर आई कि वह नहीं रहे!
इस खबर ने कला जगत को गहरे शोक में डाल दिया।
कबीर गीतों के नामचीन गीतकार साहित्य के बड़े हस्ताक्षर गिरवर दास लगातार छत्तीसगढ़ी साहित्य को पोषित कर रहे थे आज उनके निधन की खबर से छत्तीसगढ़ फिल्म जगत भी हथप्रद है।
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े फिल्मकार सतीश जैन की बहुत सारी फिल्मों के संवाद लेखक गिरवर दास मानिकपुरी हंसमुख मिलनसार और ठेठ छत्तीसगढ़िया व्यक्तित्व थे।
छत्तीसगढ़ की माटी और छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनका लगाव उन्हें अन्य लोगों से अलग करता है। लगातार साहित्य सृजन फिल्म पटकथा और संवाद लेखन उनका परिचय रहा है।
छत्तीसगढ़ी साहित्य के लिए उन्हें कई सम्मान से नवाजा जा चुका है, एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था की छत्तीसगढ़ के कला पुरोधा दाऊ रामचंद्र देशमुख के हाथों मिला सम्मान उनके जीवन के लिए सबसे बड़ा गौरव का पल था।
छत्तीसगढ़ महतारी के दुलरवा बेटा गिरवर दास मानिकपुरी जीवन भर छत्तीसगढ़ी भाषा की सेवा करते रहे, गीत गढ़ते रहे, संवाद लिखते रहे और आखिर में उनकी इच्छा यही थी की आम छत्तीसगढ़िया अपनी भाषा संस्कृति परंपरा और अपने चिर परिचय को संजोकर रखें।
अपने अंतिम इंटरव्यू में भी उन्होंने इस बात की चिंता की थी और क्या कहा था इस वीडियो में आप भी सुनिए…