छत्तीसगढ़ के प्लांट, फैक्ट्रियों में परप्रांतीय अपराधियों को पनाह…देखिए बड़ा खुलासा!

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छत्तीसगढ़ के उद्योगों में बाहरी पर प्रांतियों को पनाह देने का षड्यंत्र लंबे समय से जारी है, इसका जीता जागता सबूत राजधानी रायपुर से महज 30 किलोमीटर दूर तिल्दा ब्लॉक में संचालित भारत गैस बॉटलिंग प्लांट है, इस कंपनी में काम कर रहे लवकुश कुमार गुर्जर राजस्थान पुलिस में वांटेड है जिस पर राजस्थान पुलिस ने 10000 का इनाम भी घोषित किया हुआ है, ऐसे अपराधी को यहां छत्तीसगढ़ में भारत गैस बॉटलिंग कंपनी ने रोजगार देकर अपनी कंपनी के भीतर ही सह दिया हुआ था, जिसकी जानकारी स्थानीय कामगारों को हुई और उन्होंने इस बात की सूचना स्थानीय पुलिस को दी इस बीच कंपनी ने वांटेड अपराधी को भगा दिया ऐसा आरोप आप कामगार लग रहे हैं, इसके बाद अभी तक अपराधी फरार है और अब छत्तीसगढ़ पुलिस को भी चकमा दे चुका है।

राजस्थान पुलिस का ईनामी घोषणा पत्र

स्थानीय कामगारों का आरोप है की छत्तीसगढ़ में संचालित कंपनियां स्थानीय लोगों से चरित्र प्रमाण पत्र मांगती है लेकिन वहीं इनका दोहरा चरित्र यह है की ये फैक्ट्रियां बाहर प्रांत के बदमाश गुंडो को बिना किसी चरित्र प्रमाण पत्र और जांच पड़ताल के अपने संस्थानों में काम दे रही है, रहने खाने की व्यवस्था कर रही है और आश्रय देकर गुंडागर्दी भी करवाते हैं।

तिल्दा सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में लगभग यही हाल है, इन इलाकों से युवतियों और महिलाओं को बाहरी बदमाश बहला फुसलाकर अपने साथ भाग ले जाते हैं और उन्हें दिल्ली और बंगाल के चकलो में बेच देते हैं, ऐसी जानकारी भी निकाल कर आ रही है, इसके बाद छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र साहू ने ताल ठोका है और छत्तीसगढ़ के सभी औद्योगिक इकाइयों में बाहरी परप्रांतियों की जांच के लिए सरकार को पत्र लिखा है, उन्होंने अपील की है की छत्तीसगढ़ के औद्योगिक इकाइयों में इस बात की पुष्टि की जाए कि वहां कितने परप्रांतीय काम कर रहे हैं और कितने स्थानीय लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ता हुआ अपराध इस बात का बड़ा अंदेशा है की प्रदेश में बड़ी संख्या में बाहर प्रदेशों से मजदूरी के नाम पर गुंडे बदमाश छत्तीसगढ़ को पनाहगाह बना रहे हैं और इस प्रदेश की भोली भाली जनता को डरा धमका कर उनकी जमीन लूट रहे हैं, इतना ही नहीं प्रदेश की राजनीति में भी हिस्सेदार बन रहे हैं।

सरकार द्वारा स्थापित इकाइयों में भी बड़ी संख्या में परप्रांतीय आकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में कब्जा जमा चुके हैं जिसका सीधा सा उदाहरण दुर्ग भिलाई दिखता है जहां मजदूरी करने आए परप्रांतियों ने वहां की विधानसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया है, अगर ऐसा ही हाल रहा तो जल्द ही छत्तीसगढ़ अपने अस्तित्व और गौरवशाली इतिहास को खो देगा।

धीरेंद्र साहू , प्रदेश उपाध्यक्ष, गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र साहू ने सरकार को एक टूक कहा है कि अगर सरकार यह काम नहीं कर सकती तो छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना को अपने तेवर में परप्रांतियों के खिलाफ काम करने के लिए मजबूर होना होगा और ऐसी दशा में प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ने की जिम्मेदारी सरकार की होगी!

मढ़ी खपरी तिल्दा औद्योगिक क्षेत्र में आंदोलित ग्रामीण

तिल्दा भारत गैस बॉटलिंग प्लांट में स्थानीय मजदूरों ने खोला मोर्चा!

इधर तिल्दा के खपरी मढ़ी स्थित भारत गैस बॉटलिंग प्लांट में स्थानीय मजदूरों ने मोर्चा खोल रखा है उनका सीधा आरोप है कि आखिर कैसे राजस्थान के करौली इलाके के एक इनामी बदमाश लवकुश गुज्जर को छत्तीसगढ़ के इस प्लांट में बिना किसी जांच पड़ताल के नौकरी दे दी गई?
बताया जा रहा है की सरकार का यह उपक्रम राजस्थान के किसी ठेका कंपनी को दिया गया है और बहुताए में यहां पर राजस्थानी,बिहारी और बंगाल, उड़ीसा के लोग काम कर रहे हैं, स्थानीय कामगारों ने यह आरोप लगाया है और सरकार से अपील की है, प्लांट की जांच की जाए और यहां अपराधिक क्रियाकलापों में लिप्त परप्रांतियों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जाए।

आपको बताते चलें की सिलतरा तिल्दा औद्योगिक क्षेत्र के औद्योगिक इकाइयों में लगभग 75% से ज्यादा कामगार यूपी, बिहार, बंगाल, राजस्थान, उड़ीसा प्रदेशों से हैं और काफी लंबे समय से छत्तीसगढ़ में जमे हुए हैं और कई तरह की आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त हैं।
आसपास के गांव से युवतियों और महिलाओं को फुसलाकर प्रेम जाल में फंसा कर भाग ले जाने का भी काम लगातार जारी है, ऐसे में छत्तीसगढ़वासियों के लिए यह बड़ा चिंता का विषय है, कई ग्रामीण इलाकों में बाहर प्रदेश से आए लोग जमीन लेकर मकान भी बन चुके हैं और वहां की स्थानीय राजनीति में दखल भी रखते हैं।
तिल्दा, मांढर के आसपास कई ग्राम पंचायत में बाहरी लोग पंच, सरपंच, पार्षद और अध्यक्ष बने बैठे हैं, इतना ही नहीं इन्हें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय राजनीतिक दलों का संरक्षण भी प्राप्त है, ऐसा आरोप स्थानीय लोग लग रहे हैं।

इस मामले में गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रही है, अब देखना होगा संस्कारगढ़ से अपराधगढ़ बनते हुए छत्तीसगढ़ का भविष्य क्या छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना बना पाती है या फिर भगवान राम का ननिहाल परप्रांतीय अपराधियों का पनाहगाह बना रहता है?

छत्तीसगढ़ियों को कमान संभालनी होगी।

ऐसे मामलों के लिए छत्तीसगढ़ियों को जागरूक होना होगा, उन्हें अपने अधिकारों और अपने प्रदेश के प्रति जिम्मेदारियों को समझना होगा, क्योंकि यह प्रदेश खनिज संपदा से भरपूर प्रदेश है, ऐसे में पूरे देश और विदेश की चोर नजर छत्तीसगढ़ की मिट्टी पर लगी हुई है।

तब तो यह जिम्मेदारी और बड़ी महत्वपूर्ण है, इस प्रदेश को यहां के प्रदेशवासी कैसे चोरों से बचा पाते हैं?

बड़ा उदाहरण अभी हसदेव जंगल है जहां के हजारों लाखों पेड़ अदानी कंपनी ने सरकार के साथ मिलकर काट डाले हैं और अब तो इस प्रदेश में यूरेनियम जैसी महंगी खनिज होने की जानकारी निकलकर आ रही है, ऐसे में यह प्रदेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित हो चुका है, अब देखना होगा की अमीर धरती के गरीब छत्तीसगढ़िया अपनी जल जंगल जमीन और छत्तीसगढ़ महतारी के लिए कितने जवाबदार बन पाते हैं?

गजेंद्ररथ गर्व, प्रदेशवाद छत्तीसगढ़

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