RALFF फिल्म फेस्टिवल में हुई चिंताराम की विशेष स्क्रीनिंग
रायपुर: RALFF (Raipur Art, Literature & Film Festival) में 9 फरवरी को डॉक्यूमेंट्री फिल्म चिंताराम की विशेष स्क्रीनिंग हुई। फिल्म के निर्देशक एस अंशु धुरंधर ने इस प्रोजेक्ट पर नौ वर्षों तक अनुसंधान किया और तीन वर्षों तक शूटिंग कर इसे साकार किया। यह छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म है जिसमें 250 से अधिक लोगों के साक्षात्कार शामिल हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रख्यात कवि मीर अली मीर ने ‘चिंताराम’ की विशेष प्रशंसा की और इसे छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक विशिष्ट डॉक्यूमेंट्री करार दिया। उन्होंने कहा- “यह फिल्म उस महान व्यक्तित्व पर आधारित है, जिन्हें छत्तीसगढ़ के भीम के नाम से जाना जाता है, इन्होने ही प्रसिद्ध तुरतुरिया मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया था।”
गौरतलब है कि वैदिक राज(Vaidic Raj) यूट्यूब चैनल पर इस फिल्म को तीन लाख से अधिक लोग देख चुके हैं, जिसमें भारत के अतिरिक्त अमेरिका, रूस, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे 20 से अधिक देशों के दर्शक भी शामिल हैं। निर्देशक एस अंशु धुरंधर ने कहा कि यह फिल्म विकट परिस्थितियों के बाद निर्मित हो सकी है और इसके निर्माण के दौरान कई उतार-चढ़ाव आए। बावजूद इसके, यह दर्शकों तक पहुंची और इसे शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।
इस मौके पर चिंताराम के पुत्र धनेश टिकरिहा व परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। फेस्टिवल में मंदराजी व जुनून और ज़माना की भी स्क्रीनिंग हुई, जबकि अन्य चयनित शॉर्ट फिल्मों की भी प्रस्तुति हुई। इस कार्यक्रम में सैकड़ों दर्शकों की उपस्थिति के बीच फेस्टिवल के डायरेक्टर कुणाल शुक्ला और क्यूरेटर प्रीति उपाध्याय, पद्मश्री पंडी राम मंडावी, रास्ट्रीय फिल्म पुस्कार अलंकृत निर्देशक मनोज वर्मा, मेक्सिको की सेसिलिया डिआज़ गोमेज़, लेखक अजीम उद्दीन व उद्योगपति मुकेश पांडे के साथ-साथ कई नामी व्यक्ति मौजूद रहे।