छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की पहचान गुरु बाबा घासीदास नगर घड़ी चौक जहां 1998 से विराजमान हैं छत्तीसगढ़ महतारी, कहा जाता है जब राज्य निर्माण की मांग चरम पर थी तब के क्रांतिकारियों ने यह मंदिर स्थापित कर स्वाभिमान अक्षुण रखने के साथ नव राज्य छत्तीसगढ़ की मांग का बिगुल फूंका था।
आज छत्तीसगढ़ अपनी अलग पहचान के साथ जानी जाती है सन 2000 से अब तक छत्तीसगढ़ महतारी का वैभव गुणोत्तर है।
नगर घड़ी चौक से लगे छत्तीसगढ़ महतारी का यह मंदिर लंबे समय से जीर्ण शीर्ण स्थिति में गंदे नालियों और कचरों से घिरी थी जिस पर किसी का ध्यान नही जा रहा था इसी बीच छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना से जुड़े युवकों ने एक टीम बना कर छत्तीसगढ़ महतारी की इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया।
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महतारी सेवा नाम से बनी युवकों की इस टीम ने लगातार मेहनत की और आज यह वैभवशाली दिन जब छत्तीसगढ़ महतारी की इस बहुत पुरानी मंदिर को सजा संवार कर राज्य निर्माण आंदोलन के सभी क्रांतिकारियों को नमन किया गया है।
महतारी सेवा टीम के कर्ताधर्ता भाई कमलेश साहू, अनिल सिन्हा मनोज साहू, दीपक साहू, अजय साहू, लीलेश साहू और हेमंत साहू ने मिलकर राज्य निर्माण के गौरवशाली पलों को सहेजते हुए छत्तीसगढ़ियापन की भावना को जीवंत किया है।
इस मौके पर जुनवानी भिलाई के दिवंगत सेनानी भाई योगेश साहू को भी याद कर नमन किया गया।
20 अक्टूबर 2024 के यह दिन एक ऐतिहासिक दिन के रूप में अंकित हुआ जहां आने वाली हजारों पीढ़ियां छत्तीसगढ़ महतारी की वैभवशाली परम्परा और छत्तीसगढ़ियावाद की अदम्य साहस के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव के दिन के रूप में याद किया जाएगा।