छत्तीसगढ़ में भिलाई के विधायक रिकेश सेन द्वारा बिहार कोकिला स्वर्गीय शारदा सिन्हा के नाम पर एक तालाब के नामकरण के मामले पर विवाद बढ़ता जा रहा है बीते दिन ग्राम कुरूद के पार्षद और ग्रामीणों के साथ छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानियों ने भी विधायक निवास पर पहुंचकर इस मामले में आपत्ति दर्ज कराई है जिसके बाद विधायक ने इस घोषणा को रद्द करने की बात कही, लेकिन इस बीच तीखी बहस में विधायक ने क्रांति सेवा के सेनानी चेतन छत्तीसगढ़िया के गले पर हाथ रख दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया में लगातार वायरल हो रहा है।
इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा है की देखिए आपके विधायक को, जिस जनता ने उन्हें वोट देकर विधायक बनाया है उसी जनता के गले तक विधायक के हाथ पहुंच गए हैं!
जिस पर विधायक रिकेश सेन ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना को उसकी B टीम करार दिया है।
वहीं दूसरी ओर जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधायक रिकेश सेन को उनके बिहार प्रेम पर एक बड़ी चुनौती दी है, अमित बघेल ने सोशल मीडिया में जारी एक बयान में कहा है की, भाजपा के मुख्यमंत्री और विधायकों को बिहार और बिहार के लोगों से ज्यादा ही प्रेम है तो वह बिहार के किसी गांव से पंच का चुनाव जीत कर बताएं! अगर वह ऐसा करते हैं तो अमित बघेल अपनी एक ओर का मुछ मुड़ा देंगे!
अमित बघेल ने खुलेआम चुनौती दी है की छत्तीसगढ़ के जो नेता बिहार और बिहारी प्रेम दिखा रहे हैं वे जाकर बिहार के किसी गांव से चुनाव जीतकर बता दें!
इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में बयान बाजी का दौर चल पड़ा है वहीं दूसरी ओर पूरे प्रदेश भर में सर्व छत्तीसगढ़िया समाज इसलिए भी आक्रोशित है, कि भाजपा के एक विधायक ने पंथी के पुरोधा देवदास बंजारे के नाम पर पूर्व से ही नामित तालाब को बिना सोंचे समझे बिहार कोकिला स्वर्गीय शारदा सिन्हा के नाम पर करने की घोषणा क्यों कर दी?
अब इस मामले पर राजनीति तेज हो गई है एक ओर जहां छत्तीसगढ़ के राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र को लोग ढूंढते रहे वहीं दूसरी ओर भिलाई विधायक द्वारा इस तरह की घोषणा ने छत्तीसगढ़िया अस्मिता पर चोट किया है! अब देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी की राजनीति छत्तीसगढ़ में क्या रुख लेती है क्योंकि 13 तारीख को रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए वोटिंग है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट भी है।