सुरता राखहु जेमन क्षेत्रियता के बात करत हे ओमान देश बांटे खतिर नइ बल्कि अपन प्रदेश म अपन संग सब्बो प्रदेशवासी मन के लोग लइका के अधिकार खातिर लड़त हें!
राष्ट्रवाद के गोठ करने वाला मन त अपन पड़ोसी से घलो बने संबंध नइ राख पाइन अउ बात करथें राष्ट्रीय एकता के!
एक देश एक अधिकार के पक्षधर मन बताए
एक प्रदेश म बिजली बारे बर दूसर प्रदेश के जिनगी काबर बुतावत हव?
एक प्रदेश में आने आने प्रदेश के भाखा संस्कृति अउ देवता ल घलो स्थापित कर देव अउ आज ये लोगन अपन अधिकार के बात करथें, अपन संस्कृति, भासा अउ देवता धामी के बात करथे त क्षेत्रवादी कहावत हें?
अतेक राष्ट्रवाद जागे हे त इही लोगन अपन प्रदेश म दोमुंहा नीति कइसे थोपथे?
बंगाल, बिहार, पंजाब, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, ओड़िसा म सरकार मन अपन प्रदेशवासी प्रथम रखे हें अउ छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़िया भले दोयम रहे?
राष्ट्रीयता, धर्म, नीति के बात करने वाला नेता मन कोनो बता दय भाई बंटवारा पड़ोसी ल दे होही त?
ठीक हे ये प्रदेश के मन सिधवा हें अरे सिधवा का डरपोक हें तुंहर भासा म?
त का ओखर टोटा ही मसक दिहा?
इंहा के नौकरी तुंहर, खनिज तुंहर, सत्ता तुंहर अउ त अउ बेपार बेवसाय घलो तुंहर पोगरी होगे अउ इन छत्तीसगढ़िया मजदूर के मजदूर!
मरन दे हर दिन उद्योग मन म, मनखे नो हे साहब छत्तीसगढ़िया मन भेड़वा बोकरा आये!
झन मिलय लाश इंखर जवान बेटा मन के, फेर बारूद फैक्ट्री चलना चाही?
खावन दे उद्योग मन के धुर्रा, राखड़ ज्यादा दिन जी के काय करहीं बपरा मन मरना त तुंहरे उद्योग के भीतरी हे?
काबर नइ पिही दारू ?
खोखला होगे हे अन्तस् ह, पीरा उछला भागत हे साहब!पढ़े लिखे जवान लइका कतेक ताना सुनही बाप महतारी के ?
ये भुइँया इंखर ये खनिज संपदा इंखर अउ एहि मन हेराउठा?
विकास के नाम म इंखर खेती नँगा लेव, धर्म के नाम म इंखर देवता नँगा लेव, बुद्धिजीविता के नाम म इंखर सहजता मेटा देव अउ दुनिया कथे इंहा के लोगन नक्सली हें, माओवादी हें?
इहों त खेल होवत हे साहेब!
तुमला जमीन चाही अउ हमला जमीर,फेर कहां बचा पायेन?
आज गांव छोड़ के भागे ल परत हे ये जमीन के मालिक मन ल अउ सत्ता ठहाका मारत हे हमर लाश म!
तुमला कोयला चाही त हमर घर उजारह, तुमला लोहा चाही त हमला हमरे भुइँया ले खदेड़हु अउ हम पांव पांव जमीन छोड़ पीछू होवत हन काबर?
कोन किताब म कानून दू ठो हे साहब, जेमा गरीब ल अउ गरीब, अमीर ल अउ अमीर बने के नियम लिखाये हे?
हम छत्तीसगढ़िया जांगर वाला आन हमन ल फोकट के नइ भाये फेर तोर लालच के झांपी म सब फोकट के आये त कइसे तकदीर लिखहीं हमर लइका मन?
सवाल अब्बड़ हे अउ अब सत्ता ले सवाल करे जाही, बेरा आगे हे उलगुलान के, नवा बिहान के, गरीब किसान के, परदेशिया मेहमान के!
जोहार
गजेंद्ररथ गर्व
प्रदेशवाद