छत्तीसगढ़ में मारवाड़ी भगाओ आंदोलन की जरूरत: अमित बघेल

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छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पूर्व अध्यक्ष और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष अमित बघेल ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर लिखा है कि जिस तरह से एक क्षेत्र विशेष मारवाड़ के रहने वाले लोगों के आता ताई के खिलाफ उड़ीसा में मारवाड़ी भगाव आंदोलन हुआ था क्या छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही किसी आंदोलन की जरूरत है?


उन्होंने यह पोस्ट छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिला के हथबंद थाना स्थित खिलोरा गांव में किसान खोरबाहर प्रसाद जायसवाल से हुई मारपीट के मामले में लिखा है।

दरअसल तिल्दा के एक राइस मिल संचालक रौनक अग्रवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर 56 वर्षीय अधेड़ खोरबाहरा जयसवाल को आधी रात अपहरण कर अपने मिल मुंशी के घर लाकर जान से मारने की कोशिश की!


इस मामले में वायरल वीडियो से स्पष्ट होता है की राइस मिल संचालक अपने पुराने विवाद को लेकर किसान की पिटाई कर रहा है, वह बार-बार कह भी रहा है कि “तू क्या मेरा राइस मिल बंद कराएगा” इससे स्पष्ट है कि मामला किसान पर लगाए गए चोरी का नहीं था बल्कि राइस मिल संचालक रौनक अग्रवाल के द्वारा शासकीय जमीन पर अतिक्रमण का था, जिसका प्रतिकार खिलोरा गांव वाले कर रहे थे और जिसमें बुजुर्ग खोरबाहरा की महती भूमिका थी और इस भूमिका को दबाने कुचलने के प्रयास में राइस मिल संचालक ने किसान से मारपीट की जिससे किसान की हालत गंभीर बनी हुई है।

वही इस मामले में हथबन्द थाना के दो सिपाही भी लाइन अटैच किए जा चुके हैं जिनकी भूमिका संदिग्ध रही है।

छत्तीसगढ़ में लगातार शासकीय जमीनों पर कब्जा, गांव में गरीब किसानों की जमीनों पर कब्जा राजस्व मामलों में हेर फेर कर कूट रचित दस्तावेज बनाकर लगातार अपराध जारी है जिसमें एक वर्ग विशेष का नाम प्रमुखता से आ रहा है, चाहे रायपुर चंगोराभाठा के शिव मंदिर की जमीन की बात हो या खिलोरा में राइस मिल के लिए सरकारी जमीन कब्जाने की बात हो।

वर्ग विशेष लगातार जमीनों की हेर फेर में लगा हुआ है ऐसा आरोप छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना लगा रही है, ऐसे में छत्तीसगढ़िया राजनीतिक पार्टी जोहार छत्तीसगढ़ के केंद्रीय अध्यक्ष अमित बघेल ने सीधे-सीधे अपने फेसबुक पेज पर लिखा है की क्या छत्तीसगढ़ में मारवाड़ी भगाव आंदोलन की जरूरत है?

उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानियों से अपील की है कि अब इस तरह की घटनाओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता और आम छत्तीसगढ़ियों के अस्मिता को बचाने के लिए हम छत्तीसगढ़वासियों को उड़ीसा में हुए आंदोलन से सीख लेते हुए छत्तीसगढ़ में भी इसकी पुनरावृत्ति करनी पड़ेगी?

बताते चलें की जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी लगातार आम छत्तीसगढ़ियों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ रही है और इसी परिपेक्ष में आज 7 अप्रैल को सिमगा एसडीएम कार्यालय का घेराव करने की अपील पार्टी प्रमुखों ने की है उन्होंने सरकार से सवाल दागा है कि आखिरकार आम गरीब छत्तीसगढ़ियों के हक अधिकार की रक्षा सरकार क्यों नहीं कर पा रही है?

JCP के केंद्रीय अध्यक्ष अमित बघेल ने गृह मंत्री विजय शर्मा से भी इस्तीफा मांगा है, उन्होंने साफ कहा है कि आप से अगर कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है तो पद छोड़ दें!

ग्राम खिलोरा के पीड़ित किसान खोरबाहरा प्रसाद जयसवाल की हालत अभी नाजुक बनी हुई है।

इस मामले में फरार आरोपियों की पता साजी की बात पुलिस कह रही है लेकिन अब तक पकड़ने में सफल नहीं हुई है, जिससे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं अब देखना होगा कि यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या बड़ा परिवर्तन लाता है क्या सच में छत्तीसगढ़ में मारवाड़ी भगाव आंदोलन की जरूरत है?
जहां एक ओर सत्ताधीश बीजेपी लगातार एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे लगा रही है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में क्षेत्रवाद का बिगुल बज चुका है अब देखना होगा बीजेपी की सरकार इसे चुनौती मानती है या नहीं!

वहीं SDM घेराव की घोषणा के बाद पुलिस ने आरोपी देवनारायण साहू को पूर्व सरपंच रह चुका है और एक और आरोपी नवरंगे को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है लेकिन अभी भी मुख्य आरोपी राइस मिल संचालक रौनक अग्रवाल फरार है।

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