छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार 22 मार्च को भिलाई और रायपुर में बिहार तिहार नाम का एक बड़ा आयोजन कर रही है बताया जा रहा है की बिहार में चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बिहारी जनता को साधने के लिए यह बड़ा आयोजन रखा है।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी बिहार से हैं और छत्तीसगढ़ में बिहारी आबादी लगातार बढ़ती जा रही है!
औद्योगिकीकरण के चलते मजदूरी करने के लिए बिहार प्रांत से लोग थोक के भाव में गांव के गांव उठकर छत्तीसगढ़ आ रहे है!
बीएसपी के समय से शुरू हुई बिहारियों की आमद रुकने का नाम नहीं ले रही है बल्कि अब तो छत्तीसगढ़ के लगभग मीडिया हाउस में बिहार से आए हुए लोग ही काम कर रहे हैं ऐसे में लगातार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासतों को बदलने का काम भी जोर-शोर से जारी है और इसमें सरकारों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दिया है।
अभी के बीजेपी सरकार से पहले कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छठ घाटों में शानदार व्यवस्था के लिए कीर्तिमान रचा है, गूगल LIVE मैप पर जितनी रौनक बिहार में नहीं दिख रही थी उससे कहीं ज्यादा रोशनी और रौनकदार तिहार बिहारियों ने छत्तीसगढ़ के छठ घाटों पर मनाया है लेकिन बीजेपी सरकार की बिहार स्थापना दिवस के मौके पर बिहार तिहार का आयोजन विवादास्पद हो चुका है, प्रदेश की एकमात्र राजनीतिक पार्टी जोहार छत्तीसगढ़ ने बिहार तिहार को लेकर कड़े सवाल दागे हैं पार्टी प्रमुख अमित बघेल ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सवाल पूछा है और छत्तीसगढ़ियों को उनकी अपनी जमीन पर अपमानित करने का आरोप लगाया है इसके बाद से विवाद बढ़ गया है।
दूसरी ओर गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानियों ने सोशल मीडिया साइट्स पर इस त्यौहार का विरोध करते हुए छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन को काला झंडा दिखाने की बात कही है।
बताया जा रहा है की असम में भी ठीक इसी तरह का आयोजन रखा गया था जिसे जन विरोध के चलते रद्द कर दिया गया है अब सवाल यह है की क्या छत्तीसगढ़ में भी बिहार तिहार कार्यक्रम रद्द कर दिया जाएगा?
सोशल मीडिया साइट्स पर जनता अपने चुने छत्तीसगढ़िया नेताओं को इस तरह से प्रांतीय भावनाओं को आहत कर पार्टी भक्त बनने का आरोप लगा रही है और हाल में छत्तीसगढ़ की 41 बेटियों संग बिहार के रोहतास में हुए घिनौने कृत्य के हवाले कोस रही है, अब देखना होगा की इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकार का निर्णय क्या होने वाला है, क्योंकि कार्यक्रम कल 22 मार्च को ही आयोजित है और जिस तरह से विरोध की बातें पूरे प्रदेश भर से उठ रही है सरकार का अगला कदम बड़ा मायने रखेगा?