बिहारी लड़के को महापौर बनाया, विधायक बनाया और अब बड़ा लीडर बनाने की पूरी तैयारी है, इसमें बीजेपी के नेताओं का भी बड़ा हाथ है! दूसरी ओर सतनामी समाज के इतने लड़के जिनमें काबिलियत है उनका कोई नाम नहीं ले रहा!
इस तरह की साज़िश हमेशा छत्तीसगढ़ में चलती रही है, यहां के आम युवा सिर्फ बाहर से आए लोगों को लीडर बनाने के लिए काम करता रहा है जिसका पूरा समीकरण राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के भीतर बैठे बाहरी नेता बिठाते हैं!
अब बलौदा बाजार अग्निकांड मामले पर ही बात कर लें, यह सतनाम धर्मियों का अपने आस्था को लेकर आंदोलन था शांत तरीके से पता नही कहां से पेट्रोल बम आ गए, पत्थर आ गए और तो और मुंह पर साफा लपेटे वो कौन लोग थे जिन्होंने प्रशासनिक भवन खाक कर दिए! पकड़े गए समाज विशेष के युवा जिन्हें प्रताड़ित भी किया गया, जेल में डाल कर यह संदेश भी बनाया गया की यह समाज विशेष अतलंग करता है?
अब आप सभी को शायद समझ आए, इतना सब एक बाहरी लड़के को विधायक से लीडर बनाने के लिए रचा गया भयंकर षड्यंत्र था? बड़ी बात न होगी, यही लड़का अगले इलेक्शन में कांग्रेस से CM चेहरा हुआ?
छत्तीसगढ़ में भोलेपन का भाव यहां की डूबती नाव का बड़ा कारक है?
क्या कारण है की यहां का युवा अपना आइडल हमेशा बाहर के लोगों को मानता है, दरअसल ये परिस्थितियां निर्मित की जाती है ठीक वैसे ही जैसा अभी किया गया है, इसमें दोनों राष्ट्रीय राजनीतिक दल बराबर के शामिलदार हैं?