नगरीय निकाय चुनाव का दौर है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ की एकमात्र राजनीतिक पार्टी जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी से चांदनी साहू प्रत्याशी बनाई गई है।
चांदनी की गोद में 2 महीने का दूध मुंहा बच्चा है फिर भी वह पूरी राजधानी में अपने लिए वोट मांग रही है।

एक मां, एक पत्नी, एक कामकाजी महिला और एक ग्रहणी, यूं ही नारी को नारायणी नहीं कहते!
रायपुर महापौर महिला आरक्षित सीट है जिसमें राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की दिग्गज नेत्रियां जीत का आशीर्वाद मांग रही है तो वहीं दूसरी ओर ठेठ छत्तीसगढ़िया साहू परिवार से चांदनी साहू जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी की प्रत्याशी बनकर लोगों के दरवाजों पर दस्तक दे रही है।
छत्तीसगढ़ नवनिर्माण के बाद से इस प्रदेश की दशा दिशा भटकी हुई है, इसे एक औपनिवेशिक प्रदेश कहा जा रहा है, ऐसे में यहां की भोली भाली जनता अपने हक अधिकार के लिए राजनीतिक मंच का हिस्सा बनकर पूरी ताकत के साथ लड़ने की तैयारी कर रही है।
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी बीते विधानसभा चुनाव में अमित बघेल के द्वारा बनाई गई पार्टी है जिसे छत्तीसगढ़ की एकमात्र गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की राजनीतिक विंग माना जाता है और इस राजनीतिक विंग के बैनर तले प्रदेश के दर्जनों जिलों में प्रत्याशियों ने कमान संभाला है।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के एक अज्ञात सेनानी ने अपील की है, प्रदेश में विभिन्न प्रदेशों से आकर बसे हुए लोग यहां की राजनीति में हिस्सेदारी लिए बैठे हैं तो वह अपनी भाषाओं में बने गानों को चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे?
क्यों वह हमारी मातृभाषा छत्तीसगढ़ी को अपने राजनीतिक कद के लिए इस्तेमाल कर रहे है?
और फिर से जब सत्ता पा लेंगे तो हमारी राजभाषा छत्तीसगढ़ी को भुला देंगे!
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने प्रदेशवासियों से अपील की है, आम छत्तीसगढ़िया संभाल कर वोट करें, जिस तरह से परप्रांतीय प्रदेश की सत्ता में काबिज हो चुके हैं, कम से कम अपने निकायों पंचायतों को बचाए रखें!
ऐसा ना हो कि परप्रांतीय आपके गांव निकायों और आपकी स्थानीयता पर भी कब्जा जमा लें?