नगरीय निकाय चुनाव का शोर, जोर से जारी है सभी पार्टियों के समर्थक भारी भीड़ के साथ रैलियां कर रहे हैं।
गली मोहल्ले से घूमते चौक चौराहों पर सभाएं ले रहे हैं, इस बीच नगर खरोरा के एक निर्दलीय प्रत्याशी ने कुछ अटपटा कर दिया जिससे आम मतदाता महिलाएं खुश हो गई।
दरअसल नगर पंचायत खरोरा में अरविंद देवांगन की पत्नी निशा अरविंद अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार है, बुधवार 5 फरवरी को उनके आंगन में उनके समर्थन रैली के लिए इकट्ठे हुए लेकिन अचानक अरविंद देवांगन ने रैली कैंसिल कर दी और कहा कि आप माता बहनों को नगर का भ्रमण कर नारे लगवाना मुझे अच्छा नहीं लगेगा।
आप सब पूरे नगर की माताएं बहने मेरी अपने घर की हो, आप हम एक परिवार हैं, जो कई पीढियां से एक साथ इस नगर में बसर कर रहे हैं फिर आखिर हम किसे यह बताएं कि हम कौन हैं क्या कर सकते हैं क्या करना चाहते हैं?
क्योंकि शायद हर कोई जानता है कि, नगर के विकास के लिए अरविंद देवांगन ने क्या किया है और अब एक बार फिर निशा अरविंद देवांगन 5 वर्षों की नौकरी मांग रही हैं!
जी हां एक सेवक बनने की नौकरी, नगर की सेवा करने की नौकरी, नगरवासियों के सुख-दुख में शामिल होने की नौकरी, गरीब मजदूरों के आंसू पोछने की नौकरी, युवाओं, बेरोजगारों, विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाने की नौकरी!
अरविंद देवांगन ने वहां हजारों की संख्या में उपस्थित महिलाओं को संबोधित किया और कहा कि मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि आप सब चलकर मेरे आंगन तक आ गए और मैं आपको रैली की शक्ल में बेवजह हमारे अपने नगर की गलियों में क्यों धुमाऊं?
आइए आंगन में बैठ अपना सुख दुख बांटते हैं, चर्चा करते हैं नगर विकास पर, क्या हुआ है, क्या होना है आइए बनाते हैं योजना।
कहते हुए अरविंद देवांगन ने अपनी पुरानी यादों को माता बहनों के साथ बांटा और बताया कि जब वह पहली बार 2004-5 में नगर पंचायत खरोरा के निर्माण के साथ ही पहले नगर अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया तब उनके मन में संतोष था कि उन्होंने अपने नगर के लिए जो सोचा था वह किया और अब 20 वर्षों बाद एक बार फिर से अपने नगर के वैभव और विकास में एक कदम बढ़कर काम करना चाहते हैं।
उन्होंने आशीर्वाद मांगा और विश्वास दिलाया की निशा अरविंद देवांगन नगर वासियों के उम्मीदों पर खरा उतरेंगे, किसी तरह कोई शिकायत का मौका मिला तो वह सत्ता छोड़ देंगे!
उन्होंने मां महामाया की नगरी में देवियों जैसी अपनी माता बहनों को विश्वास दिलाया की भय मुक्त खरोरा बनाकर आप सबके सम्मान की रक्षा करने का काम अरविंद देवांगन करेगा।
उन्होंने बताया कि वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे लेकिन जिस पार्टी में हैं, उन्होंने दावेदारी की बात कही और वे तैयार हो गए लेकिन बाद में उन्हें टिकट नहीं दिया गया और फिर नगर के सम्माननीय बुजुर्गों माता बहनों युवा साथियों के आदेश पर चुनाव समर में कूद पड़े!
जीत जनता के हाथों हैं, निशा अरविंद देवांगन ने विश्वास दिलाया की जो भरोसा जनता उन पर करती है, उस भरोसे को कायम रखेंगे…
और क्या कहा देखिए वीडियो में