छत्तीसगढ़ बीजेपी में अभी संगठन चुनाव का दौर चल रहा है सभी मंडलों में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की जा रही है, वह भी मनोनीत! ऐसे में एक वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है, जिसमें रायपुर ग्रामीण के भाजपा विधायक मोतीलाल साहू खड़े हुए हैं और बीजेपी के कार्यकर्ता उन्हें घेरे हुए हैं, काफी हो हल्ला मचा है, जिसमें लोग स्थानीयता की बात पर गुस्साए हैं, बाहरी भीतरी की बात करते हुए कुछ लोग विधायक मोतीलाल साहू के सामने उंगली दिखा दिखा कर गाली दे रहे हैं, यह गालियां इतनी भद्दी है कि इन्हें खबर पर नहीं लिखा जा सकता।
आप कल्पना करिए कि अगर यह मामला महाराष्ट्र जैसे किसी स्वाभिमानी राज्य का होता और किसी मराठी नेता को इस तरह उंगली दिखाकर सवाल जवाब और गालियां दी जा रही होती तो अब तक कुछ का कुछ हो जाए रहता, लेकिन यह छत्तीसगढ़ है और यहां के गुणी पुरोधा ने इस बात का दुख जीवन भर अपने छाती में पाला उनके शब्द थे…
छत्तीसगढ़ में सब कुछ है पर एक कमी स्वाभिमान की, मुझको सही नहीं जाती यह चुप्पी वर्तमान की।।
स्वर्गीय पवन दीवान जी के यह वाक्य क्या आज भी छत्तीसगढ़ियों की दुर्गति और पीड़ा का कारक है?
क्या छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की स्थिति छत्तीसगढ़ियों के हित में छत्तीसगढ़ियापन की नहीं है?
क्या उन्हें इस प्रदेश की अस्मिता और स्वाभिमान का ख्याल नहीं है या फिर इस प्रदेश के लोगों में अपने आत्म सम्मान और स्वाभिमान को बचा पाने का माद्दा नहीं है?
वैसे यह मामला बीजेपी कार्यकर्ताओं का बताया जा रहा है जो किसी दल बदलू कार्यकर्ता को मंडल अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध कर रहे थे लेकिन बीच में स्थानीयता का मुद्दा आ गया और कहां सुनी हो गई, लेकिन इस कहासुनी में जनता द्वारा चुने हुए विधायक को पार्टी कार्यकर्ता इस तरह अपमानित करें कितना सही है?
क्या पार्टी इस व्यवहार पर दोषियों को सजा देगी या फिर छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान का फिर से मान मर्दन होगा?
वीडियो जरूर देखिए…