Tilda chhapora: जनसुनवाई में हंगामा, सरपंच और पंचों ने बताया खरीद फरोख्त की पूरी कहानी…

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रायपुर: तिल्दा के छपोरा चांपा में आयोजित पर्यावरण जनसुनवाई के दौरान हंगामा के चलते जनसुनवाई में अफरा तफरी मच गई।
यहां बाबा वैद्यनाथ स्पंज आयरन कंपनी के लिए 3 दिसंबर को जनसुवाई आयोजित की गई थी, इलाके में ग्रामीणों में पहले से आक्रोश था और कंपनी स्थापित होने के विरोध में ग्रामीणों ने प्रदेश की सबसे बड़ी गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेतृत्व में जनसुनवाई का विरोध किया।

जिस तरह से इलाके में लगातार उद्योगों में दुर्घटना हो रही है साथ ही बाहर प्रांत से आने वालों के कारण अपराध बढ़ रहे हैं ऐसे में ग्रामीण उद्योग के खिलाफ मोर्चा खोले हैं, बताया जा रहा है की उद्योग के लिए दलाली करने वाले जनप्रतिनिधियों को भी ग्रामीणों ने सबक सिखाया है, जनसुनवाई के दौरान CKS और JCP के कार्यकर्ताओं ने पुरजोर विरोध करते हुए ग्रामीणों के अधिकार और इलाके में शांति व्यवस्था बरकरार रखने के लिए काम करने की बात कही।
इसी बीच ग्रामीणों ने कंपनी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने वाले सरपंच और पंचों को आड़े हाथ लिया, सरपंच और पंचों ने कबूल भी किया की गुपचुप तरीके से पैसा लेकर उन्होंने कम्पनी के लिए NOC दी है।
इस बात से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

ग्रामीणों ने पैसा लेकर बिकने वाले जनप्रतिनिधियों की लगाई क्लास!

तिल्दा के छपोरा में आयोजित जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने सरपंच और पंचों को पड़कर उनसे पूछताछ की इस मौके पर सरपंच और पंचों ने बताया की किस तरह से उन्होंने कंपनी प्रबंधन से 58-58 हजार रुपये लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र पर दस्तखत किए, उन्होंने यह भी बताया की एक जनप्रतिनिधि ने उन्हें पैसा दिलवाया और मुर्गा भी खिलाया ग्रामीणों ने सरपंच और पंचों से सवाल किया कि आखिर तुम लोगों ने जनता से विश्वास घात क्यों किया? तब सभी जनप्रतिनिधि शरमाई आंखों से धरती निहारने लगे, गांव वाले इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने सरपंच सहित पंचों को भी एक-एक कर उनके विश्वासघात पर सबक सिखाया, सवाल भी किया और कंपनी के विरोध में खड़े रहने के लिए कहा।
यह इस इलाके में अपने तरीके का पहला मामला है जिसमें गांव वालों ने विश्वासघाती जनप्रतिनिधियों को उनकी औकात दिखाई और सरेआम वीडियो बनाकर वायरल भी किया यह बड़ा संदेश है उन जनप्रतिनिधियों के लिए जो जनता का विश्वास जीतकर बाद में विश्वासघात करते हैं।

क्योंकि यह क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र है ऐसे में गांव में सरपंच और पंच बनने की होड़ रहती है, उन्हें पता है उद्योग लगेंगे तो एनओसी के नाम पर उन्हें तगड़ा पैसा मिलेगा लेकिन गांव वालों ने जिस तरह से विश्वासघात का जवाब दिया है यह बड़ा सबक है नए नवेले जनप्रतिनिधियों के लिए जो राजनीति को पैसा कमाने का जरिया समझते हैं, इस मौके पर गांव वालों ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानियों को धन्यवाद भी दिया और लगातार इस गैरराजनीतिक संगठन के साथ जुड़कर जनहित के मुद्दों पर मुखर होने की बात कही।

वीडियो में देखें क्या बता रहें सरपंच और पंच…

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