छत्तीसगढ़ सरकार में चल रहे एक अजीबोगरीब वाक्या प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है, सुनने में आया है की मुख्यमंत्री को हर निर्णय के पहले या तो एक कॉल आता है या फिर मुख्यमंत्री खुद कॉल कर बातचीत करते हैं जिसमें वे किसी भाई साहब से चर्चा करते हैं और फिर निर्णय हो जाता है! राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि सरकार में सत्ता की बागडोर किसी और हाथ में होने की बात सच्ची तो नहीं है? आखिर वह भाई साहब कौन है? जिसे मुख्यमंत्री हर निर्णय के पहले बात करते हैं।
इस मामले पर विपक्ष की कांग्रेस लगातार आरोप लगाती रही है की छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार रिमोट कंट्रोल सरकार है जिसका संचालन दिल्ली में बैठे पीएमओ से जुड़े बड़े अफसर कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में सुपरसीएम को लेकर भी बयानबाजी होती रही है, कभी राजस्व मंत्री ओपी चौधरी को सुपरसीएम बताया जाता है तो कभी सुपर सीएम के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का नाम सामने आता है तो कभी विजय शर्मा का नाम इस लिस्ट में शुमार हो जाता है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो यहां तक कह दिया था की भौजी हमारी सुपरसीएम है यानि मैडम सीएम ही सुपरसीएम है पर यहां बात भाई साहब की है, आखिर वह भाई साहब कौन है जिनके अंतिम निर्णय पर प्रदेश के निर्णय हो रहे हैं या फिर यह विष्णु देव सरकार को लेकर विपक्ष की कोरी अफवाह मात्र है?
संपादक संवाद गजेंद्ररथ गर्व