2 अक्टूबर से तूता धरना स्थल पर इन उम्मीदवारों का धरना प्रदर्शन जारी है। आज उन्होंने सीएम हाउस के सामने धरना दे दिया। जहां हजारों की संख्या में डीएड कैंडिडेट्स धरने पर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में नियुक्ति की मांग को लेकर डीएड डिग्रीधारी कैंडिडेट्स धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 2 अक्टूबर से तूता धरना स्थल पर इन उम्मीदवारों का धरना प्रदर्शन जारी है। 20 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के द्वारा इनकी सुनवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में डीएड कैंडिडेट्स आक्रोशित हो गए हैं। आज उन्होंने सीएम हाउस के सामने धरना दे दिया। जहां हजारों की संख्या में डीएड कैंडिडेट्स धरने पर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं।
नियुक्ति की मांग को लेकर डीएड कैंडिडेट्स धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आज कैंडिडेट्स ने सीएम हाउस घेर लिया है। जहां बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स धरने पर बैठे हैं। कैंडिडेट्स के सीएम हाउस घेरने के बाद पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। जहां SDM, एडिशनल SP, DSP समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।
2 अक्टूबर से जारी है हड़ताल
छत्तीसगढ़ रायपुर के तूता धरना स्थल पर डीएड कैंडिडेट्स अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। डीएड कैंडिडेट्स की मांग है कि उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार नियुक्ति दी जाए। इस मामले में हाईकोर्ट बिलासपुर के द्वारा भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बाद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है।
कैंडिडेट्स ने जानकारी दी कि बीएड और डीएड कैंडिडेट्स को उनकी योग्यता के अनुसार नियुक्ति नहीं दिए जाने पर याचिका दायर की गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने योग्यता के अनुसार प्राइमरी स्कूल में बीएड डिग्री धारी कैंडिडेट्स को योग्य नहीं माना है। बीएड कैंडिडेट्स की नियुक्ति मिडिल स्तर पर की जाए। वहीं प्राइमरी स्तर पर डीएड कैंडिडेट्स की नियुक्ति की जाना चाहिए। इसी निर्णय के बाद डीएड डिग्रीधारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है।
यह था पूरा मामला, इसलिए डीएड कैंडिडेट्स की मांग
बता दें कि बीएड (बैचलर इन एजुकेशन) डिग्री वाले उम्मीदवार को सहायक शिक्षक पद के लिए हाईकोर्ट ने अयोग्य करार दिया है। इसके चलते प्रदेश के करीब 3 हजार शिक्षकों की नौकरी संकट खड़ा हो गया है। इसको लेकर हाईकोर्ट बिलासपुर ने 2 अप्रैल 2024 को डीएलएड धारी (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) कैंडिडेट्स के पक्ष में फैसला दिया है। इसमें सहायक शिक्षक पद के लिए डीएलएड धारी को योग्य माना है।
छह महीने बीते नहीं लिया निर्णय
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट का 11 अगस्त 2023 को पारित आदेश का संदर्भ दिया। इसमें सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त बीएड डिग्रीधारी का चयन निरस्त करने का आदेश दिया। इसी के साथ ही सरकार को छह सप्ताह में अंदर पुनरीक्षित चयन सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। 2 अप्रैल 2024 को जारी आदेश के बाद अब छह माह से ज्यादा समय बीत गया है। लेकिन सरकार अभी कोई निर्णय नहीं ले पाई है।