खरोरा का विशाल दशहरा महोत्सव भारी उत्साह और धूमधाम से संपन्न हुआ।
खरोरा तहसील कार्यालय के सामने खेल मैदान में आयोजित इस विशाल दशहरे में हजारों लोगों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की और रावण दहन के इस महाविजय महोत्सव में शामिल हुए।
लगातार आयोजित इस विशाल दशहरे का रोड मैप कैसे और कब बना इस पर चर्चा करते हैं दरअसल खरोरा के क्रिकेट स्टार ग्रुप और प्रयास युवा मंच के युवाओं ने इस महाआयोजन की नींव रखी और लगातार यह विशाल कार्यक्रम खरोरा और आसपास के लगभग 100 गांवों के लिए खास बन गया।
नगर के व्यापारी, शिक्षक और राजनीति से जुड़े सभी साथियों ने मिलकर इस महाआयोजन के लिए रूपरेखा खिंची और यह प्रयास आज एक विशाल महोत्सव में तब्दील हो गया।
नगर में पुरखों के जमाने से होते आ रहे रामलीला और रावण दहन का एकाएक बंद हो जाना लगातार बढ़ती जनसंख्या के बीच नगर के वैभव के लिए ठीक नही था ऐसे में युवाओं की सोंच और प्रयास का परिणाम यह विशाल कार्यक्रम है।
महीनों पहले से इस कार्यक्रम की तैयारी में जुट जाते हैं युवा।
विशाल दशहरा महोत्सव की तैयारी के लिए एक वट्सप ग्रुप बनाने के साथ ही कार्यक्रम की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो जाता है जिसमें नगर के हर वर्ग से सक्रिय युवा जुड़ कर जिम्मेदारियों का बंटवारा कर लिया जाता है, मुख्यरूप से क्रिकेट स्टार ग्रुप और प्रयास युवा मंच के सक्रीय सदस्यों की मेहनत का यह जिताजागत महोत्सव है जिसके लिए युवा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं।
व्यापार, शिक्षण और राजनीति से जुड़े सभी युवा साथी एक मंच पर कार्यक्रम की रूपरेखा तय करते हैं, खरोरा से बाहर रहने वाले साथी भी जो नौकरी अथवा किसी अन्य कारणों से विस्थापित हैं उनके द्वारा भी लगातार वट्सप ग्रुप के माध्यम से कार्य प्रगति की जानकारी व सहयोग का क्रम निरंतर बना रहता है।
सुखद माहौल में पारिवारिक वातावरण के साथ विजयपर्व मनाने की सोंच।
जिस तरह से लगातार धार्मिक आयोजनों में हो-हुल्लड़ की शिकायत बड़ रही है ऐसे में परिवार और बच्चों को पारिवारिक माहौल देना और शान्ति पूर्वक कार्यक्रम सम्पन्न कराना एक चुनौती है जिसे प्रयास युवा मंच और क्रिकेट स्टार ग्रुप के साथियों ने बखूबी निभाया और यह क्रम लगातार जारी है।
खरोरा में सुम्मत से सम्मत का यह रिवाज कायम रहे!
नगर के बड़े बुजुर्ग इस आयोजन की प्रसंशा करते हैं और इसी तरह नगर का वैभव बढ़ता रहे इसकी कामना भी करते हैं, सियानों का मानना है कि जिस तरह नगर में गणपति झांकी और फिर विशाल दशहरा महोत्सव ने नगर की चमक में चारचांद लगाएं हैं यह परंपरा सुखद है।
नगर में आयोजनों की विशेषता!
खरोरा में सभी जाति धर्म समाज के लोग निवासरत हैं और आधी से ज्यादा आबादी आसपास के गांवों से आकर बसने वालों की है जिनमें नौकरी पेशा लोगों की संख्या बहुतायत है, व्यापार दुकानदारी के लिए भी यहां आकर बसने वालों की भी भारी तादाद है बावजूद सभी यहां हर पर्व पर उपस्थिति दर्ज कराते हैं साथ ही कार्यक्रमों के आयोजन में सहयोग कर सफल बनाने की जिम्मेदारी भी उठाते हैं।
नगर सिख समाज अध्यक्ष राजा भाटिया का रावण रूप याद करते हैं नगरवासी!
नगर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजा भाटिया विशाल दशहरा महोत्सव के पहले साल से ही राजा रावण का किरदार जीते आ रहे हैं, बग्गी पर सवार राजा रावण का मुख्य प्रवेश द्वार से वैभव और अहंम से मैदान से होकर रण क्षेत्र में पहुंचना लोगों के लिए हर साल विषमय और आनन्द का पल रहता है, राजा भाटिया स्कूल कॉलेज के जमाने से रंग मंच से जुड़े हैं एक अच्छा सिंगर भी हैं और लगातार व्यापार के साथ कला क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं।
बाहर शहरों में रहने वाले दोस्तों की दिखती है टोली।
हर साल दशहरे में नगर से बाहर रहने वाले साथी भी समय पर उपस्थित हो जाते हैं और एकसाथ मिलकर विजयपर्व का आनन्द लेते हैं, नगर के साथी आशीष गोयल (भाऊ) बताते हैं कि वे भले ही राजधानी में निवासरत हैं और अपने प्रिंटिंग व्यवसाय को आगे बढ़ा रहें हैं पर जब भी गृह नगर खरोरा में कोई आयोजन हो वे सक्रिय रूप से शामिल होते हैं और उन्हें गर्व होता है अपने गृह नगर में अपने सहपाठियों के साथ बचपन के दिनों को दोबारा यादों में जीना एक अलग आनंद है।
नगर खरोरा का इतिहास यूं तो राजा खरदूषण के कोषागार के रूप में है जहां माई करियादामा, महामाई और शीतला माई नगर की मुख्य देवी और रक्षक हैं जिनके आशीर्वाद से नगर का वैभव लगातार बढ़ रहा है।